वाराणसी में बंदरों के खौफ से छत से गिरकर युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट कंचन कुमार कुशवाहा की मौत
वाराणसी के कई इलाकों में बंदरों का आतंक जारी है। गुरुवार को बंदरों से बचाव में छत से नीचे गिरकर युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट की गिरकर मौत हो गई।
वाराणसी, जेएनएन। जिले के कई इलाकों में बंदरों का आतंक जारी है। इसको लेकर आए दिन हादसे होते रहते हैं। गुरुवार को बंदरों से बचाव में छत से नीचे गिरकर युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट की गिरकर मौत हो गई। इसके बाद हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर उनके आवास पर लोग पहुंचने लगे। साथ ही प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भी जताया। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बता दें कि बड़ा गणेश निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट कंचन कुमार कुशवाहा छत पर किसी काम से गए हुए थे। उसी समय छत पर काफी संख्या में बंदर पहुंच गए। कंचन ने मौजूद बंदरों को भगाने का प्रयास किया। इससे नाराज होकर बंदरों ने उन पर हमला बोल दिया। बचाव करके भागते समय वह छत से नीचे आ गिरे। गंभीर रुप से घायल हो जाने पर परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट कंचन कुमार कुशवाहा बनारस के समाजसेवी व महामृत्युंजय महोत्सव के संयोजक जवाहर लाल शास्त्री के पुत्र थे। उन्हें एक बेटा व तीन बेटियां हैं। युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत की खबर सुनते ही उनके बड़ा गणेश निवास स्थान पर शुभ चिंतकों का जमावड़ा लग गया। शहर के साहित्यकार व समाजसेवियों ने शोक संवेदना प्रकट की। बंदरों के आतंक को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क गया। उनका कहना है कि बंदरों के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन मौन धारण किए हुए है।
पारिवारिक कलह के चलते दी जान
शिवपुर थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में किराये के मकान में रहने वाली एक महिला ने पारिवारिक कलह के चलते गुरुवार को सायंकाल फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मकान मालिक द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। शिवपुर थाना क्षेत्र के सभईपुर गांव निवासी 24 वर्षीय माया प्रजापति अपने पति सतीश जायसवाल के साथ भवानीपुर में किराये के मकान में रहती थी। माया के पहले पति की मौत हो गई थी। इसके बाद कबाड़ी का काम करने वाले सतीश और माया ने चार साल पूर्व घर से भागकर प्रेम-विवाह किया था। माया को पहले पति से नौ वर्ष की बेटी है जबकि सतीश से शादी के बाद ढाई साल पूर्व एक बेटा हुआ था। गुरुवार सुबह में किसी बात को लेकर पति और पत्नी में कहासुनी हुई और बेटे को लेकर सतीश कहीं चला गया। उसके बाद माया ने बेटी को कमरे से बाहर निकालकर साड़ी के सहारे पंखे में फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।