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वाराणसी में तीन रडार गन हर दिन सिर्फ एक वाहन का चालान, पांच यातायात के पुलिस कर्मी को प्रशिक्षित किया गया

रोजाना हो रहे सड़क हादसे पर अंकुश लगाने के लिए हाइवे समेत प्रमुख मार्गों पर भारी व हल्के वाहनों के लिए गति सीमा निर्धारित है। वर्ष 2020 में 453 सड़क हादसे में 218 की मौत हो गई। वहीं दुर्घटनाओं में 315 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 08:50 AM (IST)
वाराणसी में तीन रडार गन हर दिन सिर्फ एक वाहन का चालान, पांच यातायात के पुलिस कर्मी को प्रशिक्षित किया गया
वाराणसी में तीन रडार गन हर दिन सिर्फ एक वाहन का चालान

वाराणसी, जेएनएन। रोजाना हो रहे सड़क हादसे पर अंकुश लगाने के लिए हाइवे समेत प्रमुख मार्गों पर भारी व हल्के वाहनों के लिए गति सीमा निर्धारित है। वर्ष 2020 में 453 सड़क हादसे में 218 की मौत हो गई। वहीं दुर्घटनाओं में 315 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। इसके बावजूद यातायात विभाग की कार्रवाई नही होने से सड़कों पर मनमाना तरीके से फर्राटा भर रहे है।  आंकड़ें तो यही बता रहे हैं  वर्ष 2020 में जनवरी से दिसबंर तक यानी 365 दिन में यातायात पुलिस ने गति सीमा से अधिक स्पीड चलने वाले सिर्फ 403 वाहनों पर ही कार्रवाई की है। यानी हर दिन औसतन एक कार्रवाई हो रही है, जबकि विभाग के पास तीन स्पीड रडार गन है और हर दिन सड़कों पर तीन लाख से अधिक वाहन फर्राटा भरते हैं। रडार चलाने के लिए पांच यातायात के पुलिस कर्मी को प्रशिक्षित किया गया है। यातायात विभाग की ओर से हर माह करीब 40 हजार चालान हो रहा है। लोगों को जागरुक करने के लिए हर वर्ष सड़क सुरक्षा माह भी मनाया जाता है। जिसके तहत जागरुकता रैली  के साथ यातायात पुलिस चौराहों व तिराहे पर गुलाब का फूल देकर, माला पहनाकर हेलमेट लगाने की अपील करती है। इसके बावजूद लोग बिना हेलमेट के घूम रहे है।

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चालान के नोटिस पहुंचेंगे घर

वाराणसी से गुजरने वाली तीन हाईवे पर तेज गति से वाहन चलाने वालों पर लगाम लगाने के लिए यातायात पुलिस के पास तीन स्पीड रडार गन है। जो तेज गति से दौडऩे वाले वाहनों को पकड़ेगी। हालांकि अभी तक स्पीड रडार गन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बहुत जल्द ही पुलिस स्पीड रडार गन से ऐसे वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। जिस वाहन का चालान स्पीड रडार गन की मदद से किया जाएगा। उसका चालक मौके पर चालान अदा कर सकता है। ऐसा न करने पर चालान का नोटिस वाहन मालिक के घर पहुंचा दिया जाएगा.

इंटरसेप्टर वाहन से हो रही कार्रवाई

सड़क हादसे होने के पीछे मुख्य कारण तेज गति से वाहनों का संचालन या यातायात नियमों का उल्लंघन पाया जाता है।  निर्धारित स्पीड से अधिक स्पीड में  वाहनों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई करती है, लेकिन स्पीड रडार गन का इस्तेमाल नहीं करती है।  अभी दो इंटरसेप्टर से ओवरस्पीड वाहनों पर कार्रवाई हो रही है।

प्रमुख मार्गो पर निर्धारित स्पीड 

परिवहन विभाग की ओर से प्रमुख मार्गों पर दोपहिया, तीन पहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है.  सात  से 12 सीटों वाले वाहनों की गति अधिकतम सीमा 60 किलो मीटर प्रतिघंटा निर्धारित की गई है। जबकि समस्त भार व माल वाहन 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ही चल सकेंगे। यातायात प्रभारी के अनुसार हर माह औसतन 25 से 30 लोगों पर ओवर स्पीड वाहन चलाने को लेकर कार्रवाई की जाती है। दो पहिया वाहन का चालान कर दो हजार रुपये व चार पहिया वाहन का चालान कर चार हजार रुपये प्रति वाहन जुर्माना लगाया जाता है.  यही नहीं आदत में सुधार न होने पर वाहन सीज भी कर दिया जाता है।

जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी

तेज गति से चलने वालों के विरुद्ध सख्ती करते हुए जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। तेज गति से चलने वाले वाहनों पर स्पीड रडार गन की मदद से कार्रवाई की जाएगी।  गति अधिक पाए जाने कार्रवाई जुर्माना वसूल किया जाएगा।

-पुलिस अधीक्षक यातायात श्रवण कुमार सिंह


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