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वाराणसी पुलिस कमिश्‍नरेट में डीसीपी के वायरल वाट्स एप चैट प्रकरण में कार्रवाई की लटकी तलवार

कमिश्नरेट में वरुणा जोन के पुलिस उपायुक्त विक्रांत वीर के वायरल वाट्सएप चैट का मामला तूल पकड़ रहा है। इस प्रकरण को लेकर पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस प्रकरण को लेकर पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 09:42 AM (IST)
वाराणसी पुलिस कमिश्‍नरेट में डीसीपी के वायरल वाट्स एप चैट प्रकरण में कार्रवाई की लटकी तलवार
कमिश्नरेट में वरुणा जोन के पुलिस उपायुक्त विक्रांत वीर के वायरल वाट्सएप चैट का मामला तूल पकड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कमिश्नरेट में वरुणा जोन के पुलिस उपायुक्त विक्रांत वीर के वायरल वाट्सएप चैट का मामला तूल पकड़ रहा है। इस प्रकरण को लेकर पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने डीसपी से स्पष्टीकरण तलब किया है। पूछा है कि उनके मोबाइल फोन से एडीजी कानून व व्यवस्था व डीजीपी जैसे प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों पर टिप्पणी करते हुए मैसेज इंटरनेट मीडिया पर क्यों फारवर्ड हुए। पुलिस महकमे में इसको लेकर किरकिरी हो रही है। माना जा रहा है कि डीसीपी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। हालांकि डीसीपी ने इस मामले को लेकर सफाई भी दी है कि उनकी छोटी बेटी ने गलती से मैसेज फारवर्ड कर दिया।

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बता दें कि हाथरस में एसपी के पद पर रह चुके विक्रांत वीर को बीते साल सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत होने पर दलित युवती के शव को जलाने के मामले में शासन ने निलंबित कर दिया था। डीसीपी एक वाट्सग्रुप से जुड़े हैं। सोमवार की देर रात उनके मोबाइल से उसी ग्रुप पर पांच मैसेज फारवर्ड किए गए थे। मैसेज डिलीट करने से पहले ही वायरल हो गया था। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि किसी भी लोक सेवक को पब्लिक प्लेटफार्म पर सतर्क रहना चाहिए। कमिश्नरेट के अधिकारियों व कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि भविष्य में उनसे ऐसी कोई चूक न हो जो उनके साथ ही महकमे की किरकिरी का कारण बने। बता दें कि इस प्रकरण को लेकर पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है।

हत्यारोपित की जमानत अर्जी खारिज : लंका पर फल विक्रेता की हुई हत्या के मामले में एक और आरोपित की जमानत अर्जी खारिज हो गई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बलिया के सुखपुरा थाना क्षेत्र के गुरवा गांव निवासी आरोपित शिव सागर प्रसाद को जमानत देने से इन्कार कर दिया। जमानत का विरोध वादी के अधिवक्ता जैलेन्द्र कुमार राय व सुरेंद्र कुमार ने किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार फल विक्रेता काशीनाथ मौर्य पांच अप्रैल 2021 को रविदास गेट लंका पर फल का ठेला लगाया था। शाम करीब सात बजे बीएचयू के छात्र आनंद व सुबोध अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और काशीनाथ पर चाकुओं से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उपचार के बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। विवेचना के दौरान शिव सागर प्रसाद का नाम प्रकाश में आया था।


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