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वाराणसी में शासन का भी आदेश नहीं मानता नगर निगम, शहर में बेरोकटोक पार्किंग का संचालन जारी

शासन का आदेश भी नगर निगम प्रशासन नहीं मानता है। बात चार-पांच दिन पहले की है। वाहन पार्किंग को लेकर अपर मुख्य सचिव नगर विकास विभाग डा. रजनीश दुबे ने आदेश जारी किया था। बोर्ड नहीं लगा है उस पार्किंग स्टैंड में सुविधाएं विकसित की जाएं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 01 Sep 2021 08:50 AM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 08:50 AM (IST)
वाराणसी में शासन का भी आदेश नहीं मानता नगर निगम, शहर में बेरोकटोक पार्किंग का संचालन जारी
वाराणसी के भेलूपुर स्थित चेतमणी कांप्लेक्स के बाहर पार्किंग में खड़ी वाहन ।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शासन का आदेश भी नगर निगम प्रशासन नहीं मानता है। बात चार-पांच दिन पहले की है। वाहन पार्किंग को लेकर अपर मुख्य सचिव नगर विकास विभाग डा. रजनीश दुबे ने आदेश जारी किया था। कहना था कि जहां पर अवस्थापना की सुविधाएं मसलन, छाया, शौचालय, पेयजल आदि नहीं हैं। बोर्ड नहीं लगा है उस पार्किंग स्टैंड में सुविधाएं विकसित की जाएं।

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यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो उसे बंद कर दिया जाए। इसके लिए उन्होंने 24 घंटे की मोहलत भी दी थी। इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। पूर्ववत की भांति पार्किंग संचालित है। हां, जरूर रहा कि कागजी कोरम नगर निगम राजस्व विभाग के अफसरों ने पूरा कर लिया। कागज पर ही बोर्ड लग गए। कुछ माह पूर्व असि क्षेत्र में एक निजी वाहन स्टैंड संचालक पर हुई कार्रवाई को रेखांकित कर शासन को आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट भी भेज दी।

जिम्मेदार हैं ये अफसर व कर्मी

पार्किंग स्थल पर दूध मंडी का संचालन और दूधियों से वसूली के जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि नगर निगम के अफसर व कर्मी जिम्मेदार हैं। सहायक नगर आयुक्त व राजस्व प्रभारी गुरु प्रसाद पांडेय पूरे प्रकरण से बखूबी वाकिफ हैं। वहीं, राजस्व विभाग में कार्यरत कर्मचारी भूपेश पांडेय पूरी धांधली की धुरी बताए जाते हैं। इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन का धांधली को लेकर मौन रहना बहुत कुछ इशारा कर रहा है।

...तो इसलिए सन्नाटे में सपाजन

दूध मंडियों में दूधियों से अवैध वसूली को लेकर सपाजनों की खामोशी भी समझ के परे है। प्रदेश में जब सपा सरकार थी तो इन्हीं दूधियों के लिए नियम लगाकर शहर की मंडियों में वसूली बंद कराया गया था। इतना ही नहीं गाजीपुर से बनारस तक एक बस भी चलाई गई थी जो सिर्फ दूधियों के लिए निश्शुल्क सेवा दे रही थी। इसका प्रचार-प्रसार भी जोरों से किया गया लेकिन दूधियों से अवैध वसूली के मसले पर पार्टीजनों का मौन रहना जनता को समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि जो लोग अवैध वसूली में लगे हैं उनमें अधिकतर सपा समर्थक बताए जाते हैं।


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