वाराणसी में किसान ने बाजार से बोरा खरीदकर क्रय केंद्र में बेचा धान, धान की लक्ष्य से बढ़कर हुई खरीदारी
नया साल शुरू हो चुका है मगर वाराणसी में धान क्रय केंद्रों पर किसानों का हाल वही पुराना है। कभी बोरा नहीं कभी गोदाम में जगह नहीं तो कभी किसान को धनराशि नहीं। ऐसे में धान-खरीद अधर में लटकी है।
वाराणसी, जेएनएन। नया साल शुरू हो चुका है, मगर धान क्रय केंद्रों पर किसानों का हाल वही पुराना है। कभी बोरा नहीं, कभी गोदाम में जगह नहीं तो कभी किसान को धनराशि नहीं। ऐसे में धान-खरीद अधर में लटकी है। इसके बाद किसान अपने हालात से मजबूर होकर बिचौलियों के हाथों औने-पौने भाव पर धान बेचने को विवश हैं।
मिर्जामुराद के भीखीपुर स्थित गोदाम में पीसीएफ द्वारा संचालित धान क्रय केंद्र पर बोरा खत्म हो चुका है। इससे अजीज आकर गुडिय़ा गांव के किसान सतीश कुमार बिंद शुक्रवार को बाजार से बोरा खरीद लाए। 45 क्विंटल धान बोरे में रखवाया और दो पिकअप पर लादकर बेचने क्रय केंद्र पर पहुंच गए। उन्होंने तौल कराकर धान बेचा। वहीं, यहां पर किसानों के खाते में धान खरीदारी के बाद भुगतान में भी काफी देर हो रही है। केंद्र के प्रभारी विभूति नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक क्षेत्र के 148 किसानों से 5685 क्विंटल 20 किलो धान की खरीदारी हुई है, जबकि केंद्र द्वारा 5 हजार क्विंटल धान-खरीद का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक महज 66 किसानों के खाते में भुगतान की राशि पहुंची है।
जगह के अभाव में हफ्ते-भर से बंद है खरीदारी : चोलापुर क्षेत्र के भदवां स्थित धान क्रय केंद्र पूरी तरह से भर चुका है। धान का उठान न होने से जगह के अभाव में बीते एक सप्ताह से क्रय केंद्र बंद पड़ा है। शुक्रवार को भी क्रय केंद्र पर ताले लटके रहे और मौके पर सन्नाटा पसरा मिला। क्रय केंद्र प्रभारी राहुल चौबे ने बताया कि कार्यदायी संस्था ङ्क्षवध्याचल किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के कर्मचारियों को कई बार सूचना दी गई, लेकिन कुछ किसानों के भुगतान न होने का हवाला देते हुए बीते एक सप्ताह से धान को नहीं ले जाया गया। लगभग 700 खाली बोरी होने के बावजूद जगह के अभाव से खरीदारी बाधित है। विगत 25 दिसंबर तक कुल 68 किसानों से 3910 क्विंटल धान की खरीदारी की गई है, आखिरी खेप के लगभग 600 क्विंटल धान से क्रय केंद्र भरा पड़ा है।
हरहुआ ब्लाक में शुक्रवार तक 217 किसानों से 8 हजार 838 ङ्क्षक्वटल धान की खरीदी हुई। अब तक इस केंद्र पर किसानों ने 7216 क्विंटल धान बेचे, जबकि पिछले साल 2700 ङ्क्षक्वटल तक का आंकड़ा गया था। हालांकि इस बार केवल एक ही केंद्र पर खरीदारी हो रही है जबकि पिछले साल दो केंद्र बनाए गए थे। विपणन निरीक्षक बबिता ङ्क्षसह के अनुसार अभी तक 193 किसानों के खाते में धनराशि भेज दी गई है। काशी विद्यापीठ ब्लाक में राजकीय धान क्रय केंद्र (केसरीपुर) में अब तक करीब सात हजार क्विंटल धान की खरीदारी हुई है। केंद्र प्रभारी कविता शुक्ला ने बताया कि किसानों को भुगतान पांच दिन में हो रहा है। केंद्र पर बोरा, नमी मापन यंत्र समेत सभी संसाधन उपलब्ध है।
किसानों का बकाया होने से बंद है क्रय केंद्र : बड़ागांव में तीन विभागों ने अलग-अलग केंद्र बनाए हैं। इनमें साधोगंज बाजार में इफो द्वारा बनाया गया केंद्र बंद है। गोदाम प्रभारी दीपक यादव ने बताया कि किसानों का बकाया भुगतान होने के बाद ही खरीद की जाएगी। अब तक 33 किसानों से कुल 1226 क्विंटल धान खरीदा गया है। पीसीएफ क्रय केंद्र अनेई पर गुरुवार तक 91 किसानों से कुल करीब 2800 क्विंटल धान की खरीदारी हुई। अब तक कुल 55 किसानों का भुगतान हो चुका है। गांगखुर्द में विपणन विभाग द्वारा स्थापित धान क्रय केंद्र पर तैनात विपणन अधिकारी रतन सेन ने बताया कि गुरुवार तक कुल 198 किसानों से 617.60 क्विंटल धान की खरीदारी हुई है। इनमें कुल 150 किसानों का भुगतान कर दिया गया है।