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वाराणसी में ऑक्‍सीजन के लिए गिड़गिड़ाते रहे परिजन, प्लांट कर्मचारी का नहीं पसीजा कलेजा

रामनगर औद्यौगिक क्षेत्र स्थित अन्नपूर्णा इण्डस्ट्रियल गैसेज व अन्नपूर्णा गैसेज ऑक्सीजन प्लांट पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेने वालों की भीड़ लगी हुई थी। यहां कोई शिवपुर तो कोई लक्सा से ऑक्सीजन लेने पहुंच रहा है।लेकिन उन्हें सिलेंडर नहीं मिल रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 09:41 PM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 09:41 PM (IST)
वाराणसी में ऑक्‍सीजन के लिए गिड़गिड़ाते रहे परिजन, प्लांट कर्मचारी का नहीं पसीजा कलेजा
वाराणसी में अन्नपूर्णा गैसेज का दरवाजा खटखटाते लोग

वाराणसी, जेएनएन। सर,प्लीज एक ऑक्सीजन सिलेंडर दे दीजिए मेरी बहन बहुत बीमार हैं...उन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है।गार्ड साहब,थोड़ी दया कर दीजिए,ऑक्सीजन नहीं मिला तो मेरी बहन मर जाएगी।-ये कोई फिल्मी डॉयलाग नहीं है, ये उन लोगों की याचना है जिनके परिवार में किसी न किसी को ऑक्सीजन की जरूरत है। रामनगर औद्यौगिक क्षेत्र स्थित अन्नपूर्णा इण्डस्ट्रियल गैसेज व अन्नपूर्णा गैसेज ऑक्सीजन प्लांट पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेने वालों की भीड़ लगी हुई थी। यहां कोई शिवपुर तो कोई लक्सा से ऑक्सीजन लेने पहुंच रहा है।लेकिन उन्हें सिलेंडर नहीं मिल रहा है। ऑक्सीजन प्लांट के गार्डो का कहना है कि घर पर आइसोलेट होने वाले मरीजों के लिए यहां से सिलेंडर नहीं मिलेगा। डीएम साहब ने इस पर रोक लगाई है। ऑक्सीजन लेने के लिए बनारस जाना होगा। शनिवार को दैनिक जागरण की टीम ने ऑक्सजीन प्लांट का जायजा लिया और लोगों से उनका हाल जाना।

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अन्नपूर्णा इण्डस्ट्रियल गैसेज का दरवाजा चार घंटा से खटखटाते रहे

बहन अमिता सिंह बीमार है ऑक्सीजन के लिए तरना से यहां आये हैं। दस घंटे हो गए। लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिला। प्रशासन लोगों की मदद के लिए है कि उनकी तकलीफों को बढ़ाने के लिए। अन्नपूर्णा इण्डस्ट्रियल गैसेज का दरवाजा पिछले चार घंटा से खटखटा रहे है। कोई नहीं सुन रहा है।

-स्वप्निल सिंह

जो लोग मोबाइल से बात कर रहे थे उनके लिए दरवाजा खुल जा रहा

पिता विजय सोनकर अस्पताल में भर्ती हैं। उनका ऑक्सीज लेवल कम है। डॉक्टर ने बोला है कि जाओ ऑक्सीजन ले आयो। दोपहर से शाम हो गई। लेकिन अन्नपूर्णा इण्डस्ट्रियल गैसेज प्लांट से रिफलिंग कर सिलेंडर उपलब्ध नहीं हो रहा है। जबकि जो लोग मोबाइल से बात कर रहे थे उनके लिए दरवाजा खुल जा रहा है।

- जितेंद सोनकर

सिलेंडर नहीं मिला

ताऊ रामचंद्र बीमार थे। अस्पताल से छुट्टी मिल गई। फिर भी डाक्टर ने घर में सावधानी के लिए ऑक्सीजन घर में रख लो। आक्सीजन लेने के लिए दोपहर 12 बजे से लाइन में खड़े है। लेकिन अन्नपूर्णा गैसेज से सिलेंडर नहीं मिला।

- गोविंद विश्वकर्मा

किसी में ब्लैक मार्केटिंग तो किसी प्लांट का नहीं खुला दरवाजा

ऑक्सीजन लेने पहुंचे लोग घंटों प्लांट का गेट खटखटाते रहे।लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में सौ मीटर की दूरी पर स्थित दो प्लांट अन्नपूर्णा इण्डस्ट्रियल गैसेज व अन्नपूर्णा गैसेज में से एक ने भी गेट नहीं खोला।हां जो परिचित थे गेट पर पहुंच कर मोबाइल से बात करते उनके लिए दरवाजा खोल जा रहा था और वह अंदर ।जबकि बिना जान पहचान के लोग ऑक्सीजन लेने पहुंचे तो दरवाजा ही नहीं खोला जा रहा था।जिससे हताश व निराश होकर वहां से वें वापस लौट गए।वहीं दूसरी ओर मेडटेक गैसेज से ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग हो रही थी।कार में लदे सिलेंडर को प्लांट के वाहनों से अंदर ले जाकर उसकी रिफलिंग की जा रही थी।दर्जनों लोगों के सिलेंडर को रिफलिंग किया गया। इस संबंध में प्लांट के मैनेजर राजू वर्मा का कहना कि ये घर का सिलेंडर है बाहर का नहीं।


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