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वाराणसी में पोषण माह को जन आंदोलन बनाने पर होगा जोर, कुपोषित-अति कुपोषित बच्चों की होगी पहचान

पोषण के लिए जन आंदोलन की गति बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा इस वर्ष भी पूरे सितंबर माह राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष अभियान की प्रमुख चार सामान्य थीम रखी गयी हैं। प्रत्येक सप्ताह चारों थीमों पर विभिन्न जन जागरूक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 06:26 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 06:26 PM (IST)
वाराणसी में पोषण माह को जन आंदोलन बनाने पर होगा जोर, कुपोषित-अति कुपोषित बच्चों की होगी पहचान
आंदोलन और जन भागीदारी से कुपोषण को मिटाने को लेकर राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत जनपद में हो चुकी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जन आंदोलन और जन भागीदारी से कुपोषण को मिटाने को लेकर राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत जनपद में हो चुकी है। इस वर्ष पोषण माह दो मुख्य उद्देश्यों पर आधारित है। पहला अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनकी मानिटरिंग करना तथा दूसरा वृक्षारोपण अभियान सहित पोषण वाटिका को बढ़ावा देना। पोषण माह में बच्चों को कुपोषण से मुक्त रखने और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर माता-पिता को परामर्श प्रदान करेंगी।

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पोषण के लिए जन आंदोलन की गति बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा इस वर्ष भी पूरे सितंबर माह राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष अभियान की प्रमुख चार सामान्य थीम रखी गयी हैं। प्रत्येक सप्ताह इन चारों थीमों पर विभिन्न जन जागरूक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सितम्बर को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष भी पोषण माह का आयोजन किया जाएगा, लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुये गृह भ्रमण के दौरान माता-पिता को कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए परामर्श देंगी और उन्हें व्यवहार परिवर्तन के बारे में बतायेगीं। भ्रमण के दौरान बताया जाएगा कि किस तरह से बच्चों की देखभाल करनी है और उन्हें पुष्टाहार देना है। उन्होने बताया कि इस वर्ष की चार थीम यथा प्रथम सप्ताह में सरकारी स्कूलों, आवासीय स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, ग्राम पंचायत पर पोषण वाटिका की स्थापना के लिए वृक्षारोपण अभियान, दूसरे सप्ताह में योगा एवं आयुष (बच्चों, किशोरी बालिकाओं तथा गर्भवती को केन्द्रित करते हुये योगा का आयोजन), तृतीय सप्ताह में पोषण संबंधी प्रचार-प्रसार सामाग्री, अनुपूरक पुष्टाहार आदि का वितरण एवं चतुर्थ सप्ताह में सैम-मैम बच्चों का चिन्हान्कन अभियान चलाया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के लिए आईसीडीएस विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इसके साथ ही पोषण माह को सफल बनाने के लिए आईसीडीएस सहित 15 विभाग यथा कृषि, पंचायती राज, स्वास्थ्य, खाद्य एवं रसद, शिक्षा, ग्राम्य विकास, युवा एवं खेल, आयुष, आवास एवं शहरी नियोजन, स्किल डेवेलपमेंट, सूचना, जन शक्ति, समाज कल्याण, जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण शामिल हैं।

नगरीय बाल विकास परियोजना अधिकारी मनोज कुमार गौतम ने बताया कि गर्भवती व धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण के लिए ताजी फल एवं सब्जियां, सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्वपूर्ण श्रोत हैं। इन पोषक तत्वों को नियमित आहार में सम्मिलित करना बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसलिए इस अभियान ‘पोषण के लिए पौधे’ अभियान में पोषण वाटिका के विकास के लिए क्षेत्रीय स्तर प्रोत्साहित किया जायेगा। केंद्र पर ही उगाई जाने वाली फल एवं सब्जियाँ के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी जिससे बीमारी व वायरल संक्रमण से बचाव हो सकेगा। इसके साथ ही गरीब परिवारों, बच्चों एवं महिलाओं को सीधे लाभ प्राप्त होगा।


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