वाराणसी में पीएनबी के बैंक प्रबंधक धन दुगना करने के झांसे में फंस गए थे, नौ लोग हिरासत में
बैंक प्रबंधक धन दुगना करने के झांसे में आ गए थे। इसी लालच में वह इतनी बड़ी रकम लेकर बैंक से निकले थे। वारदात में बदमाशों के हाथ जो थैला लगा है उसमें 20 लाख रुपये थे। दूसरा थैले में 27 लाख रुपये थे जो स्कार्पियो में ही मौजूद थे।
वाराणसी, जेएनएन। पंजाब नेशनल बैंक की करखियांव शाखा के प्रबंधक फूलचंद राम की पत्नी ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ फूलपुर थाना में अपहरण व हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस इस मामले में नौ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। एक-एक बिंदु काे जोड़कर पुलिस वारदात से जुड़ी हर कड़ी की बारीकी से जांच कर रही है। उधर, पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार की शाम बैंक प्रबंधक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस वारदात में बदमाशों के हाथ जो थैला लगा है, उसमें 20 लाख रुपये थे। वहीं दूसरा थैले में 27 लाख रुपये थे, जो स्कार्पियो में ही मौजूद थे। बैंक प्रबंधक धन दुगना करने के झांसे में आ गए थे। इसी लालच में वह इतनी बड़ी रकम लेकर बैंक से निकले थे।
बता दें कि जौनपुर के जलालपुर थानांतर्गत कुसियां गांव निवासी शाखा प्रबंधक फूलचंद की बुधवार की शाम फूलपुर के सिधुरिया गांव के पास किराए की स्कार्पियो में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान एक थैला भी बदमाश अपने साथ ले गए। वहीं दूसरे थैले को बदमाशों ने हाथ भी नहीं लगाया, जिसमें 27 लाख रुपये थे। वारदात को अंजाम देने वाले भी उसी स्कार्पियो में सवार थे, जिसके चलते पुलिस का मानना है कि वे प्रबंधक के परिचित रहे होंगे। हालांकि पुलिस अभी तक लूट से इन्कार कर रही है। मुकदमे में भी लूट का जिक्र नहीं है।
इस प्रकरण की मानीटरिंग खुद पुलिस महानिरीक्षक एसके भगत कर रहे हैं। फूलपुर थाना में पहुंचे आइजी व एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि पुलिस की छह टीमें लगी हैं। गैर जिलों में भी टीमें ताबड़तोड़ दबिश दे रहीं हैं। जल्द ही मामले का राजफाश होगा। प्रबंधक के नजदीकी लोगों के इसमें शामिल होने के संकेत मिले हैं। कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
शक की सुई चालक व उसके दोस्त पर टिकी
वारदात के बाबत स्कार्पियो चालक संजय व उसके दोस्त पर पुलिस की शक की सुई घूम रही है, जिससे दोनों से गहन पूछताछ हो रही है। सुबह 11 बजे ही आइजी एसके भगत, एसपी ग्रामीण अमित वर्मा, एएसपी नीरज पांडेय व सीओ ङ्क्षपडरा अभिषेक पांडेय फूलपुर थाना में पहुच गए थे। अधिकारी अब तक की प्रगति के बाबत जानकारी लेने के बाद फिर फूलपुर निवासी स्कार्पियो चालक संजय पटेल व वाहन उपलब्ध कराने वाले सुनील पटेल से गहन पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों ने वारदात स्थल का निरीक्षण करने के साथ बैंक शाखा भी पहुंचे और बैंक अधिकारियों से बात की। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को घटना के कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं।
करीबियों के नंबर सर्विलांस पर
वारदात को जिस तरह अंजाम दिया गया उसको लेकर पुलिस बैंक प्रबंधक के करीबी लोगों के बारे में जानकारी लेने के साथ उनके मोबाइल नंबर को भी सर्विलांस पर लगा दिया है। सूत्रों के मुताबिक कुछ लोगों के मोबाइल घटना के बाद से ही स्विचआफ आ रहे हैं। उनके घरों में दबिश दी जा रही है।
गैर जनपदों में भी पुलिस दे रही दबिश
वारदात का राजफाश करने में जुटी पुलिस टीम स्थानीय थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों सहित जौनपुर, भदोही आजमगढ़ व सोनभद्र तक दबिश दे रही है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस के पहुंचने के पहले ही संदिग्ध निकल जा रहे थे।
जौनपुर से जुड़ रहे बैंक प्रबंधक की हत्या के तार
वारदात के तार जौनपुर से भी जुड़ रहे हैं। प्रबंधक इससे पहले जौनपुर की मडिय़ाहूं शाखा में कार्यरत थे। बाद में करखियांव शाखा में पोङ्क्षस्टग हुई थी। इस प्रकरण में पीएनबी की मडिय़ाहूं शाखा में पहुंचे बैंक अधिकारियों ने छानबीन की। पीएनबी की मुख्य शाखा के प्रबंधक प्रवीण कुमार ङ्क्षसह के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और लेन-देन की बारीकी से जांच की। इसमें सामने आया कि 41 लाख रुपये निकाले गए थे। फिलहाल अधिकारी अधिक कुछ बताने से कतरा रहे हैं, लेकिन मडिय़ाहूं शाखा से 41 लाख रुपये निकालने की पुष्टि जरूर की। यह रुपये सुबह 11 से 12 बजे के बीच निकाले गए। अब मडिय़ाहूं शाखा से दिन में रुपये निकालने और शाम को हत्या को पुलिस कई कोण से देख रही है। आशंका जताई जा रही है कि बैंक मैनेजर पर मडिय़ाहूं से ही नजर रखी जा रही थी। वैसे इस हत्या को पंचायत चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कारण यह कि शाखा प्रबंधक के चचेरे भाई जलालपुर ब्लाक से ब्लाक प्रमुख पद के दावेदार भी हैं।
मडिय़ाहूं शाखा से निकाले थे 41 लाख
प्रबंधक फूलचंद ने बैंक की मडिय़ाहूं शाखा से बुधवार को 41 लाख रुपये निकाले थे। उसे थैले में लेकर अपने केबिन में रखे थे। इसके बाद छह लाख अपनी शाखा से निकाले थे। सूत्रों की मानें तो प्रबंधक क्षेत्र के कैथोली गांव में जमीन लेने के लिए कुछ लोगों से बातचीत किए थे। जमीन के दलालों के भी संपर्क में थे।
41 लाख का वाउचर टेबल पर छोड़ा
हत्याकांड के दूसरे दिन जांच में कई बातों का पता चला। पीएनबी के डीजीएम राजेश कुमार के अनुसार कैश बुक में जितना कैश दर्ज किया गया है उतना कैश शाखा की करेंसी चेस्ट में नहीं है। मिलान के बाद दोनों में कुल 47 लाख रुपये का अंतर पाया गया है। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार बुधवार दोपहर लगभग दो से तीन बजे के बीच शाखा प्रबंधक फूलचंद राम मडिय़ाहूं शाखा से 41 लाख रुपये लेकर पहुंचे थे। करीब एक घंटा बाद बैंक के कर्मचारी राहुल राम को उन्होंने अपने केबिन में बुलाकर कहा कि छह लाख रुपये लेकर आओ। शाखा प्रबंधक के आदेश पर राहुल ने करेंसी चेस्ट से छह लाख निकालकर शाखा प्रबंधक को दिए। उसके बाद राहुल ने शाखा प्रबंधक से इसकी इंट्री कैश बुक में करने को कहा तो शाखा प्रबंधक ने कहा था कि मैं अभी बाहर जा रहा हूं। एक ग्राहक को कैश देना है। उसे कुछ जरूरी काम है। लौटकर इंट्री कर देंगे। उसके बाद उन्होंने टेबल पर 41 लाख रुपये का वाउचर भरकर छोड़ दिया। शाम करीब चार बजे के आसपास प्रबंधक शाखा से निकल गए। करीब 5:15 बजे बैंक कर्मचारी राहुल राम ने शाखा प्रबंधक को फोन किया और लौटने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि शाखा बंद करके तुम लोग चले जाओ। उसके बाद राहुल ने पूछा कि कैश बुक पर इंट्री नहीं है। इस पर शाखा प्रबंधक ने कहा कि अगले दिन कर देंगे। उसके बाद सभी कर्मचारी रोज की तरह शाखा बंद कर चले गए। थोड़े देर बाद कर्मचारियों को सूचना मिली कि शाखा प्रबंधक को गोली मार दी गई है। उधर जोनल शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण कुमार सिंह ने मढियाऊं शाखा के कैश बुक की जांच की, जिसमें।कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
नियमानुसार फंड से होगी वसूली
कैश बुक पर इंट्री नहीं करने के कारण नियमानुसार बैंक के नुकसान की भरपाई कर्मचारियों के फंड से की जाएगी। इसमें शाखा प्रबंधक फूलचंद के फंड से 50 फीसद, बैंक के सेकेंड सीनियर ऑफिसर से 25 फीसद, कैशियर के फंड से 25 फीसद की वसूली करके नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके साथ ही जांच में दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ वीआरएस और टॢमनेट जैसी कार्रवाई हो सकती है।
आखिर किसके नाम से भरा गया था वाउचर, बना है रहस्य
बैंकिंग सूत्रों के अनुसार प्रबंधक फूलचंद राम ने आखिर किसके नाम वाउचर भरा था। यह अभी रहस्य ही बना हुआ है। कारण की हत्या के बाद पुलिस ने बैंक प्रबंधक के केबिन को सील कर दिया है। साथ ही उक्त वाउचर को जब्त कर लिया। बैंक के अधिकारी ने वाउचर किसके नाम भरा गया था के सवाल पर बोले कि मान लीजिए कि प्लेन वाउचर भरा गया था।