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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में परीक्षा नियंत्रक को जेल

देर शाम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जिला कारागार में दाखिल करा दिया गया।

By Vandana SinghEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 09:44 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 10:51 AM (IST)
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में परीक्षा नियंत्रक को जेल
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में परीक्षा नियंत्रक को जेल

वाराणसी, जेएनएन। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को गुरुवार शाम वाराणसी में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। देर शाम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जिला कारागार में दाखिल करा दिया गया। एसटीएफ और क्राइम ब्रांच मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जिलों में छापेमारी कर रही है।

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29 जुलाई 2018 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने वाले गिरोह के भेदिए अशोक देव चौधरी से मिली जानकारी की जांच के बाद एसटीएफ ने सोमवार रात कोलकाता स्थित सिक्योरिटी प्रिटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमार को यहां चोलापुर इलाके में गिरफ्तार किया था। लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं के पेपर छापने वाले कौशिक ने परीक्षा नियंत्रक (सचिव) अंजू लता कटियार की मिलीभगत कुबूली और सुबूत भी दिए। उसने बताया कि पेपर छपाई के टेंडर के लिए अंजू लता को पांच फीसद कमीशन दिया जाता था। कौशिक ने आगामी परीक्षाओं के लिए भी उसे ही पेपर छापने का जिम्मा देने पर 26 मई को प्रयागराज जाकर अंजू लता को 10 लाख रुपये नगद दिए थे। यह भी बताया कि उन्हें पेपर लीक की पूरी जानकारी थी। एसटीएफ ने 27 मई यानी सोमवार रात ही अंजू लता और कौशिक समेत नौ लोगों के खिलाफ चोलापुर थाने में केस दर्ज कराया था। भ्रष्टाचार निवारण अदालत से सर्च वारंट लेकर एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद, सीओ एसटीएफ विनोद सिंह, सीओ पिंडरा अनिल राय, क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह ने प्रयागराज जाकर अंजू लता के सरकारी निवास और कार्यालय की तलाशी ली। उनके मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर जांच की। दो दिन तक जांच के बाद गुरुवार दोपहर क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम अंजू लता को वाराणसी ले आई। यहां उनसे पुलिस लाइन में क्राइम ब्रांच दफ्तर में  पूछताछ की गई। फिर सुबूतों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया।

देर शाम पंडित दीन दयाल अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के बाद परीक्षा नियंत्रक अंजू लता को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) लालचंद के आवास पर पेश किया गया। वहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया। रात नौ बजे अंजू को जेल में दाखिल कराया गया।

एसटीएफ के पत्र की अनदेखी पड़ी भारी

वैसे तो अंजू लता के खिलाफ प्रिंटिग प्रेस मालिक कौशिक से व्हाट्सएप पर पेपर लीक से जुड़ी बातचीत के रिकार्ड समेत कई सुबूत हैं मगर उनकी गिरफ्तारी का प्रमुख आधार बना एसटीएफ के एसएसपी के पत्र की अनदेखी। एसटीएफ के एसएसपी ने पत्र में  एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी और प्रिटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार की भूमिका पर संदेह जताते हुए जांच जारी होने की जानकारी दी थी। कौशिक के  खिलाफ मुकदमा लिखाने की सलाह भी दी। इसके बावजूद अंजू लता ने कौशिक को पीसीएस समेत आगामी चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर छापने का टेंडर दे दिया। अंजू लता की इस मनमानी ने पेपर लीक मामले में उनकी मिलीभगत के आरोप को और मजबूत कर दिया।

निर्दोष हूं मैं, एक पैसा नहीं लिया

  गिरफ्तारी के बाद पुलिस लाइन में क्राइम ब्रांच दफ्तर के बाहर मीडिया कर्मियो से अंजू लता ने कहा कि मैं निर्दोष हूं, मैंने किसी से एक पैसा नहीं लिया है। प्रश्न पत्र के प्रकाशक कौशिक द्वारा एसटीएफ को उनके खिलाफ सुबूत मुहैया कराने के सवाल को टालते हुए अंजू लता ने कहा कि  अपने 20 साल की सर्विस में मैंने किसी से कुछ नहीं लिया। मैं कोर्ट में अपनी बेगुनाही साबित कर दूंगी।

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