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रेलवे पुलिस के उड़ गए होश, ट्रेन की बोगी में तोतों का भारी भरकम जखीरा बरामद

ग्वालियर से हावड़ा की तरफ जाने वाली चंबल एक्सप्रेस में सोमवार की देर रात जनरल बोगी में तोतों का खेप देख जीआरपी अधिकारियों के होश उड़ गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 06:45 PM (IST)
रेलवे पुलिस के उड़ गए होश, ट्रेन की बोगी में तोतों का भारी भरकम जखीरा बरामद
रेलवे पुलिस के उड़ गए होश, ट्रेन की बोगी में तोतों का भारी भरकम जखीरा बरामद

मीरजापुर, जेएनएन। ग्वालियर से हावड़ा की तरफ जाने वाली चंबल एक्सप्रेस में सोमवार की देर रात जनरल बोगी में तोतों का खेप देख जीआरपी अधिकारियों के होश उड़ गए। पुलिस कर्मियों ने बोगी में यात्रियों से तोतों के बारे में पूछताछ किया लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। हालांकि किसी तरह तोतों से भरी सात बड़े पिंजरों को ट्रेन से नीचे उतारने के बाद वन विभाग को सूचित किया। दूसरे दिन सुबह वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर खानापूर्ति करने के बाद तोतों को ले गई और जंगलों में छोडऩे की बात बताई।

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जीआरपी थाना प्रभारी उदयशंकर कुशवाहा ने बताया कि रात मेेें मुखबिर से सूचना मिली कि डाउन की तरफ जाने वाली चंबल एक्सप्रेस ट्रेन (12178) में इंजन से पीछे वाली जनरल बोगी में कुछ व्यक्ति अवैध रूप से हजार की संख्या मेंं तोते पिंजरों में बंद करके तस्करी के लिए ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही उप निरीक्षक दीनानाथ यादव, हेड कांस्टेबल संजय राय, सुरेंद्र यादव व कांस्टेबल आनंद कुमार व कमलेश कुमार संग रेलवे स्टेशन पर चंबल एक्सप्रेस ट्रेन के आने का इंतजार किया जाने लगा। रात सवा दस बजे के लगभग ट्रेन जब प्लेटफार्म दो पर आकर खड़ी हुई तो इंजन के पीछे जनरल बोगी में पुलिस कर्मियों संग जाकर देखा गया कि तो कुछ तोते दूसरे, तीसरे व चौथे सेक्शन के नीचे वाली सीट के नीचे कुल सात बड़े लोहे के पिंजरे में लगभग 1250 देशी तोते क्रूरतापूर्वक भरे हुए थे। जिसके संबंध में यात्रियों व अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की गई कि तोतों को कौन और कहां से लेकर जा रहा है और इनका मालिक कौन है तो किसी द्वारा कुछ नहीं बताया गया।

जब कोई मालिक नहीं दिखा तो तोतों से भरे सातों लोहे के पिंजरों को ट्रेन से उतारकर थाने पर लाया गया। जहां वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अज्ञात तस्करों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करते हुए वन विभाग को सूचित किया गया। दूसरे दिन वन विभाग के क्षेत्रीय वनाधिकारी अजय सिंह, वन दारोगा विकास कुमार उपाध्याय, रामनरेश पांडेय, शुभम त्रिपाठी ने पहुंचे और सभी तोतों को कागजी कार्रवाई करने के बाद अपने वाहन पर लादकर चले गए। बताया कि सभी तोतों को अष्टभुजा, जसोवर पहाड़ी तथा बरकछा के जंगलों में छोड़ा दिया जाएगा।

भूख प्यास से मर गए थे सैकड़ों तोता

रात में जब ट्रेन से उतारा गया तो उसमें अधिकांश तोते पानी व भूख से मर गए थे और कुछ तो स्टेशन पर ही मर गए। लोगों का आरोप था कि लापरवाही के चलते मासूम अनबोलते पक्षियों की मौत हो गई है।

तोता लेने के लिए पहुंचे सैकड़ों लोग

जीआरपी थाने पर तोता पकड़े जाने की जानकारी आसपास के मोहल्ले में जंगल में आग की तरफ फैल गई और काफी संख्या में सुबह से लेकर दोपहर सैकड़ों लोग कोई पिंजरा तो कोई दफ्ती का कार्टून लेकर पहुंच गए और तोता मांगने लगे। इस दौरान लोगों को तोता तो नहीं मिला लेकिन एक पुलिस कर्मी द्वारा दर्जनों लोगों का पिंजरा जरूर जब्त कर लिया गया। इस दौरान लोगों ने आग्रह किया लेकिन किसी को नहीं दिया और थाने ले जाकर रख दिया।


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