वाराणसी के सारनाथ में पर्यटन विभाग की लापरवाही से पांच पांच वर्षों में बुद्ध नहीं मुस्कुराए
सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में निर्माणाधीन पर्यटन विभाग की स्वर्णिम योजना लाइट एंड साउंड सिस्टम इस माह भी शुरू नहीं हो सका। जहां एक तरफ इससे जुड़ा स्पीकर व वूफर चोरी हो गया वहीं पर्यटकों के पहुंचने के लिए पाथ वे का निर्माण भी शुरू नहीं हो पाया है।
वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में निर्माणाधीन पर्यटन विभाग की स्वर्णिम योजना लाइट एंड साउंड सिस्टम इस माह भी शुरू नहीं हो सका। जहां एक तरफ इससे जुड़ा स्पीकर व वूफर चोरी हो गया वहीं पर्यटकों के पहुंचने के लिए पाथ वे का निर्माण भी शुरू नहीं हो पाया है। जबकि इसी माह के 8 सितंबर को कमिश्नर ने लाइट एंड साउंड सिस्टम का निरीक्षण कर खामियों को दूर कर इस महीने के अंत मे इसे शुरू करने के लिए पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 29 अगस्त को बनारस विकास दौरे के तहत लाइट एंड साउंड योजना को जल्द मूर्त रूप देने के लिए जिला प्रशासन से कही था जिसके मद्देनजर 8 सितंबर को कमिश्नर दीपक अग्रवाल के साथ संयुक्त पर्यटन निदेशक अविनाश चन्द्र मिश्रा, पर्यटन अधिकारी कृतिमान श्रीवास्तव व पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्व विद डॉ. नीरज सिन्हा ने लाइट एंड साउंड सिस्टम शो को धमेख स्तूप स्मारक पर चलाकर देखा था। इसके बाद उसमें और भी खामियों को दूर कर सितंबर माह के अंत मे शुरू करने का निर्देश दिया था। वहीं कार्यदायी संस्था के कर्मी 8 व 9 सितंबर को यहां पहुंचे और प्रोजेक्टर कक्ष में काम कर चले गए। इसके बाद काम बंद हो गया। 23 सितंबर को कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम विद्युत इकाई के अपर परियोजना प्रबंधक आए तो मालूम चला कि 6 स्पीकर व वूफर चोरी हो चुके हैं जिसकी तहरीर स्थानीय थाने पर दी गई। दूसरी तरफ पुरातात्विक खंडहर परिसर में धमेख स्तूप से उत्तर से दक्षिण की तरफ 10 फीट चौड़ा व 250 मीटर लंबा पाथवे बनना था जिसका काम अभी शुरू नहीं हुआ।
पांच 5 वर्षों में बुद्ध नहीं मुस्कुराए
पर्यटन विभाग की स्वर्णिम योजना 7 करोड़ 33 लाख 66 हजार रुपये की लागत से वर्ष 2016 से लाइट एंड साउंड सिस्टम शो का काम शुरू हुआ। इस माध्यम से भगवान बुद्ध के जीवन वृत, ऐतिहासिक पहलुओं से पर्यटकों को रूबरू कराना था जो पांच वर्ष बीतने को आया लेकिन अभी तक पर्यटकों के सामने एक भी शो नहीं चल सका। इस बीच सिस्टम का स्थान बदल कर धमेख स्तूप के उत्तर दिशा से 40 फीट दूरी पर प्रोजेक्टर व रील कक्ष बनाया गया। जहां से प्रोजेक्टर के माध्यम से सीधे धमेख स्तूप स्मारक पर ही बुद्ध के जीवन एवं उनके इतिहास से रूबरू होंगे।
दो भाषाएं, 200 पर्यटक देखेंगे शो
साउंड शो हिंदी व अंग्रेजी भाषा में चलेगा। एक शो 45 मिनट का होगा। पर्यटकों को बैठने के लिए पार्क में कुर्सी होगी एक शो में एक समय में लगभग 200 पर्यटक इसे देख सकेंगे ।