Move to Jagran APP

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अब श्रीमद्भागवत गीता को जोड़कर प्रबंध शास्त्र की भी होगी पढ़ाई

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रबंध शास्त्र की भी पढ़ाई होगी। श्रीमद्भागवत गीता को जोड़कर प्रबंध शास्त्र का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। नवनियुक्त कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि प्राचीन प्रबंधशास्त्र जैसे सहित अन्य रोजगारपरक पाठ्यक्रमों शुरू करने के लिए जल्द ही विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 06:01 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अब श्रीमद्भागवत गीता को जोड़कर प्रबंध शास्त्र की भी होगी पढ़ाई
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने पदभार ग्रहण किया।

वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रबंध शास्त्र की भी पढ़ाई होगी। श्रीमद्भागवत गीता को जोड़कर प्रबंध शास्त्र का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। नवनियुक्त कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि प्राचीन प्रबंधशास्त्र जैसे सहित अन्य रोजगारपरक पाठ्यक्रमों शुरू करने के लिए जल्द ही विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी। शनिवार को उन्होंने 35वें कुलपति के रूप में कार्यभार संभाल लिया। वर्तमान में विश्वविद्यालय के कुलपति का चार्ज लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. आलोक कुमार राय के पास था।

loksabha election banner

कार्यभार संभालने के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों व छात्रों सभी के सहयोग से संस्था को विश्व फलक पर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। यह विश्वविद्यालय दुनिया का प्राचीनत प्राच्य विद्या का केंद्र है। देश में सभी 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों को इससे जोड़ने के लिए भी इसे नोडल केंद्र बनाया जाएगा। कहा कि पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शास्त्री के पाठ्यक्रमों को तैयार करना व 15 अगस्त तक परीक्षा करना है।

इस क्रम में दुर्लभ पांडुलिपियों के संरक्षण, लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन कराने, संस्था से जुड़े विद्वानों की डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनवाने, प्राचीन वेधशाला की मरम्मत कराने की योजना है। कहा कि पांडुलिपियों के प्रकाशन के लिए शासन से मिलने वाले अनुदान को फिर से शुरू कराने का प्रयास होगा। इसके विश्वविद्यालय के विकास के लिए सीएसआर फंड जुटाने के लिए उद्योगपतियों व कंपनियों से भी बात की जाएगा। विश्वविद्यालय को शैक्षणिक केंद्र के साथ पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित करने की योजना है। इस दौरान कुलपति वीसी प्रो. आलोक कुमार राय, प्रभारी कुलसचिव केश लाल, परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद सहित अन्य लोग मौजूद थे। शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों ने उनका भव्य स्वागत किया।

कोविड में छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए की गई व्यवस्था

कोविड काल में छात्रों के पठन-पाठन का तारतम्य और उनका शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य बना रहे, सभी कोर्स सुचारु रूप से चलते रहें, इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अभिनव कदम उठाया है। यूजीसी ने यूजी और पीजी के 140 कोर्सेज को ओपन ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत अंडर ग्रेजुएट के 83 और पोस्ट ग्रेजुएट के 40 कोर्सेज में दाखिला दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों में छात्रों को ‘स्वयं’ प्लेटफार्म के माध्यम से आवेदन करना होगा। इस प्लेटफार्म पर उन्हें वेबिनार के माध्यम से क्लासेज, पत्र-पत्रिकाओं, शोधों की जानकारी भी मिलती रहेगी। शनिवार को यूजीसी के दिशा-निर्देशों के क्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य, मनोसामाजिक चिंता एवं कल्याण पर कुलपति द्वारा पुर्नगठित कोविड टास्क फोर्स कमेटी के तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें यूजीसी द्वारा लिए गए अहम फैसले के मद्देनजर ‘स्वयं’ के बारे में चर्चा हुई। इसमें मुख्य अतिथि यूजीसी अध्यक्ष प्रो. डीपी. सिंह ने कहा कि कोविड में छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उनका पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे इसके लिए बेहद जरूरी है उनका मानसिक स्वास्थ्य, ताकि वे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपना मनोबल बनाए रख सकें और चिंतामुक्त रहें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.