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वाराणसी के रामनगर में विधिक सचिव ने राजकीय संप्रेक्षण गृह का किया निरीक्षण, कोरोना संक्रमण से बचाव के बताए तरीके

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व सिविल जज सुधा सिंह ने रामनगर स्थित राजकीय बालगृह (बालक) एवं राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर)का निरीक्षण किया। बाल गृह में बालकों को उनके विधिक अधिकारों से परिचित कराने के लिए उनकी ओर से विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 01:05 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 01:05 PM (IST)
वाराणसी के रामनगर में विधिक सचिव ने राजकीय संप्रेक्षण गृह का किया निरीक्षण, कोरोना संक्रमण से बचाव के बताए तरीके
रामनगर स्थित राजकीय बालगृह (बालक) एवं राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर)का निरीक्षण किया।

वाराणसी, जेएनएन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व सिविल जज सुधा सिंह ने बुधवार को रामनगर स्थित राजकीय बालगृह (बालक) एवं राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर)का निरीक्षण किया। बाल गृह में बालकों को उनके विधिक अधिकारों से परिचित कराने के लिए उनकी ओर से विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया था। विधिक सचिव ने कोरोना से बचाव के उपाय बताते हुए उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। बच्चों में संस्था से पलायन की बढ़ती हुई प्रवृत्ति पर भी चर्चा करते हुए बच्चों को समझाया। बाल गृह में वर्तमान में बालकों की कुल संख्या 51 है जिनमें से 18 बालक मानसिक रूप से विक्षिप्त है।

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निरीक्षण में अधीक्षक द्वारा उन्हें बताया गया कि इस संस्था में मानसिक रूप से विक्षिप्त बालकों को रखे जाने की संख्या दस की है, लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या 22 हो चुकी है। निरीक्षण में यह भी जानकारी मिली कि संख्या के सापेक्ष ना तो कोई ट्रेंड या विशेष योग्यता वाली नर्स ही संस्था में उपलब्ध है और ना ही विशेष योग्यता प्राप्त कोई शिक्षक या ट्रेनर ही इन मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों के लिए उपलब्ध है।ऐसी स्थिति में किसी ट्रेंड नर्स या शिक्षक की शासन की ओर से नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है। इस संबंध में अविलंब शासन को पत्र प्रेषित किए जाने हेतु विधिक सचिव द्वारा अधीक्षक को आदेशित किया गया।

विधिक सचिव द्वारा अधीक्षक को इन बालकों को उनके स्वयं के परिवार से मिलाने के प्रयास करने हेतु जागरूक किया गया। बालको से उनकी स्वयं की समस्याएं पूछी गई एवं दिनचर्या का जायजा भी लिया गया। विधिक सचिव द्वारा किशोरों को उनके विधिक अधिकार से परिचित कराते हुए विस्तार से उनकी समस्याओं को सुना गया एवं जिन किशोरों के पास उनके स्वयं के अधिवक्ता नहीं है उनको नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाने के बाबत जानकारी दी। विधिक सचिव द्वारा अधीक्षक को इस बाबत भी आदेशित किया गया कि किशोरों के साथ किसी भी प्रकार का कोई दुर्व्यवहार किसी स्टाफ या अन्य के माध्यम से कभी ना किया जाए। कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए किशोरों को समय-समय पर हाथ धोते रहने, मास्क लगाए रखने एवं सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा।


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