मीरजापुर में नालों से निकलने वाली गंदगी से मैली हो रही गंगा, 10 नाले अभी तक हो सके अनटैप्ड
मीरजापुर में बने नालों से प्रतिदिन निकलने वाली गंदगी से पावन निर्मल गंगा अनवरत मैली हो रही हैं। जिले भर में चिंहित 27 में से महज 10 नालों को अभी तक अनटैप्ड करने में सफलता मिल सकी है। नालों को अनटैप्ड करने के लिए कवायद चल रही है।
मीरजापुर, जेएनएन। जनपद में बने नालों से प्रतिदिन निकलने वाली गंदगी से पावन निर्मल गंगा अनवरत मैली हो रही हैं। जिले भर में चिंहित 27 में से महज 10 नालों को अभी तक अनटैप्ड करने में सफलता मिल सकी है। इसके चलते आज भी गंगा को स्वच्छ रखने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी है। हालांकि गंगा में गिरने वाले नालों को अनटैप्ड करने के लिए शासन-प्रशासन की कवायद तेजी से चल रही है।
गंगा नदी को पूरी तरह स्वच्छ बनाना कठिन काम है, लेकिन भागीरथ प्रयास तो किया जा सकता है। इससे ही सफलता मिलेगी। कच्छप गति से कार्य चलने से नमामि गंगे योजना जनपद में मूर्त रूप नहीं ले पा रही है। यह अलग बात है कि जनपद की सीमा में गंगा किनारे स्थित 27 नालों में से 10 को बंद करने में जिला प्रशासन को सफलता जरुर मिली है, लेकिन 17 नाले अभी भी प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। वहीं नगर पालिका परिषद चुनार में 14 नालों में से 10 बंद है और चार नालों का गंदा पानी गंगा में समाहित हो रहा है। इसमें से भी 12 नालों को टैप्ड करने के लिए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया है। शेष कार्रवाई प्रचलित है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से नालों के पानी को स्वच्छ रखने की कवायद की जा रही है।
गंगा में गिरता है 12.365 एमएलडी गंदा पानी
गंगा में अनटैप्ड नालों से लगभग 12.365 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) गंदा पानी बिना शोधित किए ही गिर रहा है। प्रशासन ने जनपद के 10 टैप्ड नालों के लगभग 16.58 एमएलडी पानी को शोषित करने में सफलता प्राप्त कर लिया है। लोहंदी स्थित नदी में एक कार्पेट कंपनी का गंदा पानी आज भी गिर रहा है। इसके चलते नदी अपना अस्तित्व खो चुकी है। यही केमिकलयुक्त गंदा पानी गंगा में भी गिर रहा है। हालांकि जिले के 14 उद्योगों में ईटीपी स्थापित किया गया है, जिनमें नालों द्वारा पानी को गंगा में निस्तारित किया जाता है। अभी तक जिला प्रशासन की कार्रवाई में एक डेयरी उद्योग, पांच टैक्सटाइल उद्योग और दो स्लाटर हाउस बंद कराए जा चुके हैं।
पांच नालों को जून माह तक टैप्ड करने का लक्ष्य है
गंगा में गिरने वाले नालों को अनटैप्ड करने के लिए तेजी से प्रक्रिया चल रही है। चिन्हित 27 अनटैप्ड नालों में से 10 नालों को टैप्ड किया जा चुका है और 17 शेष हैं। 12 नालों को टैप्ड करने के लिए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया है। शेष कार्रवाई प्रचलित है। अन्य पांच नालों को जून माह तक टैप्ड करने का लक्ष्य है।
- अमरेंद्र वर्मा, एडीएम, नमामि गंगे, मीरजापुर।