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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब स्नातक स्तर पर भी ओवर आल चैंपियन पदक, कार्यपरिषद ने दी स्वीकृति

काशी विद्यापीठ ने स्नातकोत्तर की भांति अब स्नातक स्तर पर भी सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले मेधावी को स्वर्ण पदक देने का निर्णय लिया है। कार्य परिषद ने स्नातक स्तर पर ओवर आल चैंपियन का स्वर्ण पदक हर प्रसाद गुप्त के नाम से देने की स्वीकृति दे दी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 07:20 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 07:20 PM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब स्नातक स्तर पर भी ओवर आल चैंपियन पदक, कार्यपरिषद ने दी स्वीकृति
कार्य परिषद ने स्नातक स्तर पर ओवर आल चैंपियन का स्वर्ण पदक देने की स्वीकृति दे दी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने स्नातकोत्तर की भांति अब स्नातक स्तर पर भी सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले मेधावी को स्वर्ण पदक देने का निर्णय लिया है। कार्य परिषद ने स्नातक स्तर पर ओवर आल चैंपियन का स्वर्ण पदक हर प्रसाद गुप्त के नाम से देने की स्वीकृति दे दी है। ऐसे में दस दिसंबर में आयोजित होने वाले 43वें दीक्षा समारोह में स्नातक स्तर पर भी सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले छात्र को हर प्रसाद गुप्त गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा।

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हर प्रसाद राष्ट्ररत्न बाबू शिव प्रसाद गुप्त के छोटे भाई थे। उनका निधन बाल्यावस्था में ही हो गया था। बाबू शिव प्रसाद ने काशी विद्यापीठ को संचालित करने के लिए छोटे भाई के नाम से ही ट्रस्ट बनाया था। यही नहीं उन्होंने भाई की आधी संपत्ति (करीब बीस लाख रुपये) हर प्रसाद ट्रस्ट को दान कर दी थी ताकि प्रतिवर्ष उसके 40 हजार रुपये के ब्याज से संस्था का संचालन हो सके।

कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय पुस्तकालय के समिति कक्ष में हुई कार्यपरिषद की बैठक में अजय आदित्य के अनुरोध पर एमएफए में सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले छात्र को स्व. डा. शरद बंसल के नाम से गोल्ड मेडल देने की भी सहमति प्रदान कर दी। ऐसे में अब एमएफए में सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले छात्र दो-दो मेडल मिलेगा। वहीं विद्यापीठ के दीक्षा समारोह में अब गोल्ड मेडल की संख्या 57 होने की संभावना जताई जा रही है।

संबद्धता के लिए विलंब शुल्क माफ

कोरोना महामारी के कारण इस बार कई कालेजों ने संबद्धता के विस्तारीकरण में विलंब कराया है। ऐसे महाविद्यालयों से इस वर्ष अर्थदंड से मुक्त कर दिया गया है। अगले वर्ष से विलंब होने पर बतौर अर्थदंड कालेजों को पचास हजार रुपये जमा करना होगा।

भारतरत्न डा. भगवानदास की मूर्ति फिर से होगी स्थापित

परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय के सामने पार्क में भारतरत्न डा. भगवानदास की मूर्ति करीब एक दशक पहले चोरी हो गई थी। कार्य परिषद ने इस स्थान पर नई प्रतिमा लगाने की स्वीकृति भी प्रदान कर दी। इसके अलावा 15 अध्यापकों के स्थायीकरण, वित्त समिति व विद्या परिषद की संस्तुतियों को भी कार्यपरिषद में मंजूरी मिल गई है। बैठक में राज्यपाल नामित सदस्य प्रो. प्रेम नारायण सिंह, कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय, वित्त अधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।


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