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जौनपुर में एक साल से ट्रेजरी के लाकर में बंद है डिस्पैच रजिस्टर और पत्रावली

जौनपुर के माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय का डिस्पैच रजिस्टर व नियुक्त शिक्षकों की पत्रावली एक साल से ट्रेजरी के लाकर में बंद है। इसके चलते शिक्षकों व कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन से जो गाइड लाइन आएगी उसका नियमानुसार अनुपालन किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 04:21 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 04:21 PM (IST)
जौनपुर के माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय का डिस्पैच रजिस्टर व नियुक्त शिक्षकों की पत्रावली ट्रेजरी के लाकर में बंद है।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। जनपद के माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय का डिस्पैच रजिस्टर व नियुक्त शिक्षकों की पत्रावली एक साल से ट्रेजरी के लाकर में बंद है। इसके चलते शिक्षकों व कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद 400 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी परीक्षण व वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है। प्रदेश के अन्य जनपदों में धारा 16 (ई) 11 के तहत अनवरत वेतन भुगतान किया जा रहा है।

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माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 50 फीसद शिक्षकों का पद एक दशक से रिक्त है। चयन प्रक्रिया में हीलाहवाली के कारण एक दशक तक नियुक्ति प्रक्रिया बाधित रही। कुछ विद्यालयों ने प्राइवेट शिक्षकों को रखकर किसी तरह काम चलाया तो कई के छात्र गुणवत्तायुक्त शिक्षा से वंचित हैं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए पूर्व में कुछ विद्यालयों के प्रबंध तंत्र ने शिक्षकों की नियुक्ति की थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर इन शिक्षकों का वेतन भुगतान भी किया जा रहा था, लेकिन विभाग द्वारा नियम विरुद्ध तैनाती का हवाला देते हुए सभी का वेतन रोक दिया गया है। इसे लेकर शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई। न्यायालय ने वेतन भुगतान का आदेश दिया तो सरकार फैसले के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय चली गई। जहां संजय सिंह बनाम सरकार एसएलपी में मामले को कनेक्ट कर दिया गया है।

कई तारीखों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 28 जून 2021 को प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को आदेशित किया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नियुक्त शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की परीक्षा में वेटेज का लाभ देने के साथ की अब तक का वेतन भुगतान किया जाए। इसके लिए 31 अक्टूबर अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस अवधि तक आदेश का अनुपालन न होने पर सचिव को तलब किया गया है। जिले में धारा 16 (ई)11 के तहत नियुक्त 103 शिक्षक वेतन भुगतान पा रहे थे जबकि 300 से अधिक शिक्षकों को एक भी वेतन नहीं मिला है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ (सेवारत) के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी शिक्षकों का वेतन भुगतान न कर तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। सरकार व अधिकारियों का यह माध्यमिक शिक्षा को खत्म करने की सुनियोजित साजिश है। प्रदेश के दूसरे जनपदों की तरह जिले में वेतन भुगतान किया जाए।

शासन से जो गाइड लाइन आएगी उसका नियमानुसार अनुपालन किया जाएगा

सर्वोच्च न्यायालय ने सचिव को आदेशित किया है। शासन से जो गाइड लाइन आएगी उसका नियमानुसार अनुपालन किया जाएगा।

-राज कुमार पंडित, जिला विद्यालय निरीक्षक।


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