बदलते मौसम में फिर से घर-घर उबलने लगा काढ़ा, मसालों का रेट पांच फीसद तक हुआ कम
बदलते मौसम के कारण नवरात्र के बाद से फिर घरों में सुबह काढ़ा उबलना शुरु हो गया है। ऐसे में काढ़े में प्रयोग होने वाले मसालों की मांग बाजार में फिर से बढऩे लगी है। मांग बढऩे के बाद भी सामग्रियों के रेट में पांच फीसद की गिरावट हुई है।
वाराणसी, जेएनएन। बीते बीस-पच्चीस दिन से उमस भरी गर्मी के कारण लोगों ने काढ़े का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। अब बदलते मौसम के कारण नवरात्र के बाद से फिर घरों में सुबह-सुबह काढ़ा उबलना शुरु हो गया है। ऐसे में काढ़े में प्रयोग होने वाले मसालों की मांग बाजार में फिर से बढऩे लगी है। हालांकि मांग बढऩे के बावजूद भी इन सामग्रियों के रेट में करीब पांच फीसद की गिरावट हुई है। गोला दीनानाथ मंडी के मसालाव्यापारियों का कहना है कि नवरात्र के पहले बाजार एकदम सुस्त हो गया था।लेकिन इधर चार-पांच दिनों से काढ़े में प्रयोग होने वाले मसालों की मांग बढ़ गई है। इसका प्रमुख कारण है मौसम। सुबह के समय तापमान हो रहे गिरावटके कारण लोग चाय छोड़कर वापस फिर से काढ़े की ओर रूख कर रहे हैं।
मसालों का रेट पांच फीसद तक हुआ कम
गोला दीनानाथ मंडी के व्यापारी नवनीत कुमार और अनिल केसरी ने बताया किनवरात्र के बाद से मसालों के भावों में पांच फीसद तक की गिरावट हुई है।लग्न की शुरुआत होने तक गरम मसाला का बाजार भाव भी स्थिर रहने की उम्मीदहै। जैसे ही लग्न की शुरुआत होगी तो बाजार में मसालों की मांग बढ़ेगी। उससमय मांग के हिसाब से भाव घट-बढ़ सकता है।
मसालों का रेट एक नजर में
वर्तमान --- पहले
साधारण लौंग 670 --- 700
लालपरी लौंग 560 --- 600
छोटी मरीच 380 --- 400
बोल्ड मरीच 470 --- 500
दालचीनी 280 --- 300
इंडोनेशिया सिगरेट 510 --- 600
मुलेठी 180 --- 200
गिलोय 50 --- 60
सोंठ 250 --- 300
( नोट सभी मसालों के रेट प्रति किलोग्राम में है )