भदोही में युवाओं ने वरुणा में बनाया अस्थाई पुल, विकास का दम भरने वाले जन प्रतिनिधियों को दिखाया आईना
हर मुश्किल को आसान किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कमाल किया है जनपद सीमा स्थित सोनहर गांव की युवाशक्ति ने। वरुणा नदी पर अस्थाई पुल (बांस-बल्ली के जरिए) का निर्माण कर आवागमन सुगम किया तो विकास का दम भरने वाले जनप्रतिनिधियों को आईना भी दिखा दिया।
भदोही, जेएनएन। हिम्मत और हौंसला है तो हर मुश्किल को आसान किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कमाल किया है जनपद सीमा स्थित सोनहर गांव की युवाशक्ति ने। वरुणा नदी पर अस्थाई पुल (बांस-बल्ली के जरिए) का निर्माण कर आवागमन सुगम किया तो विकास का दम भरने वाले जनप्रतिनिधियों को आईना भी दिखा दिया।
इधर गंगा के रामपुर व धनतुलसी घाट पर पक्का पुल के निर्माण की मांग को लेकर जहां अनशन चलता रहा तो उधर युवा चंदे के जरिए बांस-बल्ली व पटरियों की व्यवस्था कर पुल का निर्माण करने में लगे रहे। अंतत: सप्ताह भर की मेहनत के बाद सफलता हाथ लगी। पुल से आवागमन शुरू होते ही तटवर्ती दोनों ओर के गांवों के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
रंग लाई मेहनत, मिला उम्मीदों को रास्ता
सोनहर, मई, छितिउना आदि गांवों के लोग बाजार-हाट के करने के लिए वरुणा पार जौनपुर भानपुर, राईपुर व रामपुर बाजार जाते हैं। यहां तक कि महिलाओं भी पानी से होकर नदी पार करती थी। बारिश जलस्तर बढऩे आवगमन ठप हो जाता है। पुल निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही थी लेकिन ग्रामीणों की गुहार न तो जन प्रतिनिधियों ने सुनीं न ही अधिकारियों ने। अंतत: सोनहर के युवाओं व ग्रामीणों ने पहल करते हुए बांस-बल्ली के जरिए अस्थाई पुल बनाने का निर्णय लिया। गांव के राहुल देव, विनय कुमार, जोगेंद्र प्रसाद, अरुण कुमार, अभिषेक, रोहित, आकाश, नीरज, उपेंद्र, अमरजीत, अजय कुमार व अन्य ग्रामीणों को एक सप्ताह तक अथक मेहनत के बाद शनिवार को पुल खड़ा कर दिया।
कितने लोगों को मिली राहत
- वरुणा नदी के तटवर्ती जनपद के सोनहर, मई, छितिउना व जौनपुर जनपद में स्थित भानपुर, राईपुर व रामपुर के लोगों का आवागमन एक से दूसरी ओर आवागमन लगा रहता है। इस प्रयास से दोनों ओर के गांवों के करीब 10 हजार लोगों को राहत मिली है।
क्या बोले लोग
- सोनहर, मई व छितिउना के लोग जरूरी सामान की खरीदारी के लिए भानपुर सहित रामपुर व राईपुर बाजार भी जाते हैं। पुल न होने के कारण लोगों को दिक्कत हो रही थी। अस्थाई पुल के निर्माण से अब काफी राहत मिलेगी। - राहुल देव
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- शासन-प्रशासन की राह देखते आंखें पथरा गई थी। विवश होकर गांव के युवाओं को आगे आना पड़ा। कंपा देने वाली ठंड के बावजूद युवाओं ने अथक परिश्रम कर नदी में बांस गाड़कर लकड़ी के पुल का निर्माण किया। यह सराहनीय है। - जोगेंद्र प्रसाद
फिलहाल तो काम चलाऊ व्यवस्था की गई है। बारिश में यह व्यवस्था काम नहीं आएगी। ऐसे में स्थाई रूप से पुल का निर्माण होना चाहिए। पिलहाल युवाओं ने जो हौंसला दिखाया है वह तारीफ का काम है।- श्याम कुमारी
गांव के युवाओं के हौसले की जितनी सराहना की जाए कम है। जहां लोग पानी से होकर आवागमन करने को विवश थे। अब पुल से होकर आना-जाना कर सकते हैं, लेकिन समस्या का स्थाई समाधान होना जरूरी है। - गीता देवी