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भदोही में झाड़- फूंक के चक्कर में सर्पदंश से एक सप्ताह में गई दूसरी जान, नहीं ले गए अस्‍पताल

झाड़- फूंक के चक्कर में सर्पदंश से एक सप्ताह में दूसरी जान चली गई। चौरी थाना क्षेत्र के निदूर गांव में गुरुवार की देर शाम सर्पदंश से रोशनी (17) की मौत हो गई। इससे स्वजनों में कोहराम मचा रहा। शव को सुपूर्देखाक कर दिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 05:12 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 05:12 PM (IST)
भदोही में झाड़- फूंक के चक्कर में सर्पदंश से एक सप्ताह में गई दूसरी जान, नहीं ले गए अस्‍पताल
झाड़- फूंक के चक्कर में सर्पदंश से एक सप्ताह में दूसरी जान चली गई।

भदोही, जागरण संवाददाता। झाड़- फूंक के चक्कर में सर्पदंश से एक सप्ताह में दूसरी जान चली गई। चौरी थाना क्षेत्र के निदूर गांव में गुरुवार की देर शाम सर्पदंश से रोशनी (17) की मौत हो गई। इससे स्वजनों में कोहराम मचा रहा। शव को सुपूर्देखाक कर दिया गया।

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गांव निवासी मुर्तजा की पुत्री रोशनी गुरुवार की शाम खाना बना रही थी। इसी दौरान कुछ सामान निकालते समय अचानक सर्प ने डस लिया। जानकारी पर स्वजन उसे झाड़-फूंक के लिए कछवां, मीरजापुर ले गए। वहां से राहत न मिलने पर गाजीपुर ले गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। जागरूकता के अभाव में सप्ताह भर में सर्पदंश से दूसरी जान चली गई। सर्पदंश की घटना के बाद स्वजन अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़- फूंक के चक्कर में कछवां ले गए। वहां पर जवाब मिलने पर वह गाजीपुर गए जहां पर उसकी मौत हो गई। यदि वह समय से अस्पताल गए होते तो किशोरी की जान बचाई जा सकती थी। अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम है।

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बारिश आने के साथ ही जिले में सांप के डंसने के मामले अधिक आ रहे हैं। इससे व्यक्ति की मौत हो जाती है। सांप के डंसने को अनदेखा नहीं करना चाहिए। किसी नजदीक अस्पताल में तुरंत लेकर जाएं। झाड़-फूंक में ना रहें। सांप के दांत के नीचे विष की थैली होती है। काटने पर विष की थैली सीधे शरीर में खून के माध्यम से जहर फैल जाता है। सामान्तयः जहरीले सांपों के काटने पर दांतों के दो निशान अलग ही दिखाई देते हैं। गैर विषैले सांप के डसने पर दो से ज्यादा निशान हो सकते हैं, परन्तु यह निशान नहीं दिखता है, यह सोचना गलत होगा कि सांप ने नहीं डंसा है। ज्यादातर सांप गैर विषैले भी होते हैं। सांप के डंसने पर करीब-करीब 95 फीसद मामलों में पहला लक्षण नींद का आना है। इसके साथ ही निगलने या सांस लेने में तकलीफ होती है। आमतौर पर सांप के डंसने पर आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

सांप के डसने पर यह नहीं करें

-काटे हुए स्थान को रस्सी से ना बांधें

- ब्लेड से ना कांटे-पारंपरिक तारीकों का इस्तेमाल ना करें

-मुंह से खून ना चूसें

-ओझा या भगत के पास ना जाएं

सांप के डंसने पर यह करें

सांप से डसे व्यक्ति को दिलासा दिलाएं। घटना के तथ्यों का पता लगाएं। गीले कपडे से डंक की जगह की चमड़ी को साफ करें, जिससे वहां पर लगा विष निकल जाए। सांप डंसे व्यक्ति को करवट सुलाएं क्योंकि कई बार उल्टी भी होने लगती है, इसलिये करवट सुलाने से उल्टी श्वसनतंत्र में ना जाए। जहां पर सांप ने डंसा है उस स्थान पर हल्के कपडे से बांध दें ताकि हिलना डुलना बंद हो जाए। सांप डंसे व्यक्ति को तत्काल नजदीक अस्पताल ले जाने की व्यवस्था बनाएं। सांप के डंसने के जहर को मारने के लिए अस्पताल में मुफ्त में एंटी स्नेक इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन प्रत्येक अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।


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