मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस प्रकरण में डा. अलका राय ने किसी तरह के संबंध से किया इन्कार
भाजपा नेता डा. अलका राय ने एक सिरे से नकार दिया कि जिस एंबुलेंस से विधायक गए थे उससे उनका कोई सरोकार भी है। उनके साथ धोखा किया गया है। विधायक निधि से एंबुलेंस देने के लिए अस्पताल के कागजात लिए व उस पर हस्ताक्षर कराए थे।
मऊ, जेएनएन। सदर विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब के मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने वाले एंबुलेंस प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। शहर के ख्वाजाजहांपुर निवासी भाजपा नेता डा. अलका राय ने एक सिरे से नकार दिया कि जिस एंबुलेंस से विधायक गए थे उससे उनका कोई सरोकार भी है। उनके साथ धोखा किया गया है। विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि ने विधायक निधि से एंबुलेंस देने के लिए अस्पताल के कागजात लिए व उस पर हस्ताक्षर कराए थे। ऐसे में मुख्तार अंसारी व उनके सहयोगियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ समेत पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ, पुलिस महानिरीक्षक आजमगढ़ मंडल, मंडलायुक्त आजमगढ़ मंडल, जिलाधिकारी मऊ व एसपी को पत्र प्रेषित कर कार्रवाई की गुहार लगाई है।
डा. अलका बलिया मोड़ भीटी स्थित अपने श्याम संजीवनी अस्पताल पर शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। बताया कि दिल्ली से मऊ जनपद आने के बाद वर्ष 2002 से भीटी में प्राइवेट प्रैक्टिस करने के लिए किराया पर मकान ले रखा था। इसके पूर्व वह कभी भी पूर्वांचल में नहीं रही हैं। सन 2013 में सदर विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि मुजाहिद अंसारी द्वारा जनहित में जनता की सेवा के लिए अस्पताल के नाम एंबुलेंस देने की बात कही गई थी। इसके लिए उनसे कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करवा कर एक चेक भी 15 या 20 हजार का लिया था। साथ ही वर्ष 2015 में एंबुलेंस को हस्तांतरण करने के लिए भी हस्ताक्षर करवाया गया था। कागजात देने के बाद एबुलेंस के बाबत कभी पूछताछ क्यों नहीं की के सवाल पर जवाब दिया कि उन्होंने विगत तीन -चार बाद मुजाहिद अंसारी या उनसे जुड़े लोगों से बात की तो वे तकनीकि कारणों से एंबुलेंस मिलने में देरी की बात कहकर टालते रहे। एक सवाल के जवाब में बताया कि उन्हें मीडिया से जानकारी हुई कि बुधवार को मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस से मोहाली पंजाब प्रांत में कोर्ट पेश किया गया वह श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी के नाम से पंजीकृत है। उस पर पता भी अंकित है। इसको लेकर उनके खिलाफ मुकदमा भी कायम किया गया है। वह न कभी बाराबंकी गई हैं और न ही उनका वहां कोई अस्पताल है। यूपी-41 एटी-7171 नंबर की एंबुलेंस के बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इसके पंजीकरण के लिए उनके द्वारा कोई भी पहल नहीं की गई है। अगर यह एंबुलेंस उनके नाम से पंजीकृत है तो उन्हें आपराधिक षडय़ंत्र के तहत फंसाया गया है। कहा कि वह बेदाग छवि की चिकित्सक, समाजसेवी संग भाजपा नेता है। किसी बड़ी राजनैतिक साजिश के तहत उनका नाम इस मामले में घसीटा जा रहा है।