बेड़ियों में कैद गजानन ने गुस्से में दीवार गिराया, रामनगर की रामलीला में राजा की बनता है सवारी
बेड़ियों में कैद हाथी ने रविवार को गुस्से में दीवार गिरा दिया महावत के अनुसार रामनगर की रामलीला में राजा की सवारी बनता है।
वाराणसी, जेएनएन। बेड़ियों में कैद हाथी ने रविवार को गुस्से में दीवार गिरा दिया। महावत के अनुसार रामनगर की रामलीला में राजा की सवारी बनता है। वहीं जानकारी होने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन मौके पर पहुंचे महावत ने शांत कराया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद दुधवा नेशनल पार्क इसे भेजा जाना है।
रामनगर स्थित काशी वन्य जीव प्रभाग कार्यालय के प्रांगण में उस समय हड़कंप मच गया जब बीते दस महीने से बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया मिठ्ठू नामक गजानन गर्म होकर तोड़फोड़ करने लगा। इस दौरान वन विभाग की चहारदीवारी टूट गई। वहीं कर्मचारी भागकर जान बचाकर मौके से भाग गए। जानकारी होने के बाद विभाग के अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। आननफानन में गजानन के महावत तुलसीराम सोनकर को बुलाया गया।
घंटों प्रयास के बाद किसी तरह गजानन को बेड़ियों से बांधकर काबू पाया गया। हालांकि पूरी तरह गजानन शांत नहीं हुआ है। डीएफओ महावीर कौजलगी का कहना है कि हाथी मद में है इसलिए ऐसी हरकत कर रहा है।फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। मार्च में मथुरा से डाक्टर की टीम को बुलाया गया था,लॉकडाउन के चलते नहीं आ सके। उसके बाद टीम बाहर चली गई। बताया कि बात हो गई है शीघ्र टीम आकर मेडिकल जांच के बाद गजानन को दुधवा नेशनल पार्क ले जाने की प्रक्रिया पूरी की जायेंगी।
मालूम हो कि मिठ्ठू हाथी रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में दुर्ग परिवार के राजा का शाही सवारी बनता था। बीते वर्ष रामलीला के बाद 26 अक्टूबर को मिठ्ठू हाथी ने चंदौली जिले के बबुरी स्थित बलौनी चट्टी पर रमाशंकर वर्मा को पटक कर जान ले ली थी। जिसके बाद हाथी मालिक तुलसीराम के खिलाफ बबुरी थाना और वन विभाग में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था।
बताया गया कि वन विभाग के दस्तावेज मांगने पर मालिक तुलसीराम मिठ्ठू के संदर्भ में कोई कागजात नही दिखा सका था। जिसके बाद वन विभाग ने मिठ्ठू को जब्त कर विभागीय कार्यालय में बेड़ियों में जकड़ दिया था। महावत तुलसीराम तथा उसका महावत बेटा रिंकू सोनकर गजानन की देखभाल करते हैं।