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एमपी के परमिट पर बालू का अवैध कारोबार, कमजोर नीतियों के चलते धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन व परिवहन

खनन विभाग की मौन सहमति पर जिले में अवैध बालू का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 08:15 AM (IST)
एमपी के परमिट पर बालू का अवैध कारोबार, कमजोर नीतियों के चलते धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन व परिवहन
एमपी के परमिट पर बालू का अवैध कारोबार, कमजोर नीतियों के चलते धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन व परिवहन

सोनभद्र, जेएनएन। खनन विभाग की मौन सहमति पर जिले में अवैध बालू का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। आलम यह है कि सोन नदी का बालू रात के अंधेरे में निकाल कर सुरक्षित स्थान पर उसे एकत्रित किया जाता है और अगले दिन ऊंचे दाम पर बेच दिया जाता है। बालू लदे वाहन जैसे ही मुख्य मार्ग पर आते हैं, उनके चालकों को पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश या फिर छत्तीसगढ़ की परमिट मुहैया करा दिया जाता है। अवैध काम को पूरा एक गिरोह संबंधित विभागों से मिलीभगत कर अंजाम दे रहा है। 

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शासन की कमजोर नीतियों के चलते बालू के अवैध खनन व परिवहन को बल मिल रहा है। सूत्रों की मानें तो बालू के अवैध खनन में अधिकतर टीपर लगे हैं। चोपन व जुगैल क्षेत्र में सोन नदी का बालू रात के अंधेरे में टीपर पर लादा जाता है और रातोंरात टीपर जिला मुख्यालय पहुंच जाते हैं। अकेले जुगैल क्षेत्र में 25 से 30 टीपर प्रतिदिन बालू का अवैध परिवहन किया जा रहा है। जुगैल या चोपन क्षेत्र से बालू लेकर मुख्य सड़क पर जैसे ही टीपर आते हैं, उन्हें मध्यप्रदेश या फिर छत्तीसगढ़ की परमिट उपलब्ध करा दी जाती है। सूत्र यह भी बताते हैं कि बालू के अवैध खनन व परिवहन में लगे गिरोह की सांठगांठ संबंधित विभागों के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों से भी होता है।

रात में जगह-जगह फैले गिरोह के लोगों को बड़े अधिकारियों का लोकेशन भी विभागीय लोग ही देते हैं। वैसे दो से चार बजे रात के बीत बालू लदे टीपरों को मुख्यालय पहुंचाया दिया जाता है। हालांकि इस दरम्यान कभी कोई बड़ा अधिकारी निकलता है तो उसका लोकेशन देकर बालू लदे वाहनों को खड़ा करा दिया जाता है। राबट््र्सगंज नगर व आसपास क्षेत्र में कई स्थानों पर बालू डंप स्थल भी बनाया गया है। इसमें एक डंप स्थल उरमौरा में भी है। जहां से ऊंचे दामों पर बालू को ट्रैक्टर ट्राली से बेचा जा रहा है। 

बोले अधिकारी : इस तरह के मामले की जानकारी विभाग को नहीं है। हालांकि, समय-समय पर इस तरह के वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होती रहती है। मामले की जांच कराई जाएगी। - जीपी दत्ता, खनन निरीक्षक। 


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