वाराणसी में सब्जी की उन्नत किस्मों के प्रसार के लिए पीपीपी माडल को बढावा दे रहा आइआइवीआर
सब्जी अनुसंधान संस्थान सब्जी की नवीन किस्मों के प्रसार और किसानों तक उसके बीजों को पहुंचाने के लिए पीपीपी माडल को बढावा दे रहा है। यह जानकारी संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहरा ने दी। वह मंगलवार को संस्थान परिसर में आयोजित तकनीकी प्रचार दिवस में बोल रहे थे।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। वाराणसी जनपद के शहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान सब्जी की नवीन किस्मों के प्रसार और किसानों तक उसके बीजों को पहुंचाने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल को बढावा दे रहा है। यह जानकारी संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहरा ने दी। वह मंगलवार को संस्थान परिसर में आयोजित तकनीकी प्रचार दिवस में बोल रहे थे।
संस्थान में यह आयोजन बैंगन, मिर्च, टमाटर, मटर, सेम, राजमा एवं छप्पन कद्दू पर किया गया था।संस्थान एवं जोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई द्वारा हुए इस आयोजन में 16 बीज कम्पनियों के प्रतिनिधियों एवं हितग्राहियों को संस्थान द्वारा विकसित सब्जी फसलों की किस्मों से अवगत कराया गया।
निदेशक डा. बेहेरा ने बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों से सब्जी फसलों की उन्नत किस्मों के बीज की गुणवत्ता के मानकों व विपणन हेतु सुझावों एवं प्रतिक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने निजी कंपनियों के साथ पीपीपी माध्यम से कार्य करने हेतु अनुबंधों को प्रभावी बनाने एवं अन्य कार्यक्रमों में सहायता देने की बात बताई।
डा. प्रभाकर मोहन सिंह, विभागाध्यक्ष (फसल उन्नयन) एवं अध्यक्ष,जोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई ने बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों से प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान संस्थान द्वारा विकसित मुक्त परागित एवं संकर किस्मों के लक्षणों, मूल्यांकन एवं लाइसेंसिंग हेतु प्रक्रियाओं पर चर्चा की। इस अवसर पर बीज कंपनियों जैसे- जेके एग्री जेनेटिक्स, नामधारी सीड्स, अंकुर सीड्स, सीड वर्क्स इण्टरनेशनल प्रा. लि., टियारा सीड्स, ईस्ट वेस्ट सीड्स, वीएनआर सीड्स प्रा. लि. नुजीवीडू सीड्स, एफटीएन एग्रो प्रा. लि., महिको प्रा. लि., त्रिमूर्ति सीड्स प्रा. लि. एवं फाइकस सीड्स इत्यादिके 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों ने प्रक्षेत्र भ्रमण एवं प्रतिक्रिया सत्र में संस्थान द्वारा विकसित सब्जी फसलों की किस्मों के विभिन्न निर्यातक, वाणिज्यिक, व्यापारिक लक्षणों, रोग व कीटरोधिता पर चर्चा किया एवं अपनी-अपनी कंपनियों से इन किस्मों के अनुज्ञा एवं पंजीकरण हेतु सिफारिश करने का आश्वासन भी दिया। इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डा.जगदीश सिंह, डा. केके पाडेय एवं संस्थान के अन्य वैज्ञानिक तथा तकनीकी कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. शैलेश कुमार तिवारी ने किया।