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IIT BHU की छात्रा सुमि उपाध्‍याय को मिली टाटा फेलोशिप 'वूमेन आफ मेटल' में पहली रैंक

महामारी के बीच इस साल महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर फेलोशिप के लिए टाटा ने वर्चुअल तरीके से प्रतियोगिता का आयोजन किया था। देश भर की एनआइटी समेत बड़ी संख्या में महिला युवा विज्ञानिको ने इसमें प्रतिभाग किया था जिसमें से शीर्ष सुमि को शीर्ष दस में जगह मिली थी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 01:14 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 01:14 PM (IST)
IIT BHU की छात्रा सुमि उपाध्‍याय को मिली टाटा फेलोशिप 'वूमेन आफ मेटल' में पहली रैंक
महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर फेलोशिप के लिए टाटा ने वर्चुअल तरीके से प्रतियोगिता का आयोजन किया था।

वाराणसी (हिमांशु अस्थाना)। आइआइटी-बीएचयू में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की छात्रा सुमि उपाध्याय ने टाटा स्टील के प्रतिष्ठित फेलोशिप 'वूमेन आफ मेटल' में पहला रैंक हासिल किया है। इस सम्मान के साथ ही उन्हें अपने शोध कार्य के लिए 20 लाख रुपये और कंपनी के साथ जुड़कर कार्य करने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। टाटा स्टील, युवा महिला विज्ञानियों के कार्यों को प्रोत्साहन देने के लिए इस फेलोशिप सम्मान की शुरुआत चार साल पहले की थी।

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इस बाबत टाटा स्टील में मानव संसाधन प्रबंधन के उपाध्यक्ष सुरेश दत्त त्रिपाठी ने जागरण को बताया कि विज्ञान और तकनीक में उभरती युवा महिलाओं के लिए यह फेलोशिप अब ईंधन साबित हो रही है। हमारा उद्देश्य देश भर में अधिक से अधिक ऐसे महिला प्रतिभाओं को आकर्षित करना है, जो उद्योग को अपने कौशल और दृष्टिकोण को विकसित करने का जज्बा रखती हों। साथ ही अपने करियर को आकार देने के अवसर में विनिर्माण क्षेत्र भी सम्मिलित हो सके।

कोरोना संक्रमण के दौरान इस भीषण महामारी के बीच इस साल महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर फेलोशिप के लिए टाटा ने वर्चुअल तरीके से प्रतियोगिता का आयोजन किया था। देश भर की एनआइटी समेत बड़ी संख्या में महिला युवा विज्ञानिको ने इसमें प्रतिभाग किया था, जिसमें से शीर्ष सुमि को शीर्ष दस में जगह मिली थी। इसके बाद टॉप थ्री विजेता में सुमि पहला स्थान बनाने में कामयाब रहीं। सुमि के अलावा एनआइटी, जमशेदपुर की भावना कुमारी दूसरे और बीआइटी सिंदरी की सिमरन प्रियदर्शिनी और एनआइटी रायपुर की साक्षी नायक संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहीं। कोरोना के कारण, प्रतियोगिता को आभासी प्लेटफार्म के मुताबिक ही इस साल डिजाइन किया गया था। भारत भर के 50 से अधिक इंजीनियरिंग संस्थानों के 600 से अधिक इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष की छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया था।


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