यदि आप चाहते हैं नहीं पड़े अापके सपनों के मकान में दरार, तो अपनाएं यह सुझाव और अमल में लाएं उपाय
हर व्यक्ति का सपना होता है कि अपना एक घर हो।
वाराणसी, जेएनएन। हर व्यक्ति का सपना होता है कि अपना एक घर हो। घर छोटा हो या बड़ा उसमें सब सुविधाएं हों। इसके लिए पैसे के साथ बड़ा इरादा होना चाहिए। बहुत से लोग पैसा और बड़ा इरादा रखने के बावजूद सही जानकारी के अभाव में अपना घर बनवा लेते हैं। बाद में उसमें विभिन्न प्रकार की समस्याएं सामने आती हैं। मकान में दरारें, सीलन होने के साथ जमीन बैठ जाती है। ऐसे में उनकी मेहनत और कमाई बर्बाद हो जाती है। ऐसे लोगों के सपने को साकार करने और उन्हें सही जानकारी मुहैया कराने के लिए आगे आया है अल्ट्राटेक सीमेंट।
अल्ट्राटेक सीमेंट और दैनिक जागरण के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को महमूरगंज स्थित शुभम लान में शुरू हुए दो दिवसीय शिविर 'बात घर की' में मकान निर्माण संबंधी पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई। शिविर में आए सैकड़ों लोगों को इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बताया कि यदि सही तरीके से प्लानिंग करें तो घर बनाने में असुविधा नहीं होगी। शिविर की शुरुआत सुबह 10 बजे हुई। इसमें आने वाले लोगों को प्रारंभ में एक वीडियो के जरिए घर बनाने के संबंध में सात पड़ावों की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि अपना खुद का घर बनाना एक लंबा सफर है। इस सफर की शुरुआत कहां से करें और कैसे चरणबद्ध तरीके से इसे पूरा करते हुए गृह प्रवेश तक पहुंचें। यही नहीं घर में रहने के लिए क्या इंतजाम करें, इस बारे में भी जानकारी दी गई। प्रदर्शनी में सात स्टाल लगाए गए थे, जिस पर विशेषज्ञों ने घर बनाने के अलग-अलग पड़ाव की जानकारी दी।
शिविर में आने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन करने के साथ उन्हें कूपन और ब्रोशर दिए गए। कूपन के अलग-अलग खंडों को सभी स्टालों पर जमा करा लिए गए। इनका लकी ड्रा निकलेगा। शाम तक शिविर में लोगों का आना-जाना लगा रहा। रविवार को दूसरे दिन सुबह 10 बजे से शिविर होगा। कार्यक्रम से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए मोबाइल नंबर 7088120869/ 7500168338 पर संपर्क कर सकते हैं।
सवाल-जवाब का भी चला दौर : शिविर में सवाल-जवाब का भी दौर चला। नुक्कड़ नाटक के जरिए कलाकर गृह निर्माण संबंधी जिन बिंदुओं को प्रदर्शित कर रहे थे, सवाल उन्हीं पर पूछे गए। सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत दिया गया।
घर बनाने के लिए क्या जरूरी, किन चीजों का रखें ध्यान
-कितना बड़ा घर चाहिए, कितने कमरे होने चाहिए।
-हमारे पास उतना बजट है कि नहीं, इसकी प्लानिंग होनी चाहिए।
-बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचाई पर मकान बनवाना चाहिए।
-सही प्लानिंग के लिए इंजीनियरों से सलाह लेनी चाहिए। वह नई तकनीकी की जानकारी देंगे।
-रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना चाहिए।
-सही बीम, समतल ईट, ब्रांडेड निर्माण सामग्री का चयन करना चाहिए।
यह हैं सात पड़ाव प्लानिंग, प्लाट का चुनाव, बजट, टीम का चयन, निर्माण सामग्री कैसा इस्तेमाल कर रहे हैं, पर्यवेक्षण और गृह प्रवेश।
इन्हें किया गया सम्मानित : विजय यादव-प्रधान महेशपुर, डा. घनश्याम पूर्व प्रधान-चादपुर, प्रभात पाडेय-प्रधान जफराबाद, वकील अंसारी-प्रधान ककरमत्ता, कैलाश यादव-प्रधान मिसिरपुर, हौसला प्रसाद दुबे-प्रधान ओढे़, हीरावती देवी-प्रधान भीटारी, नंदलाल राजभर-प्रधान पिसौर, नत्थूलाल यादव-प्रधान भवानीपुर, संजय सिंह-प्रधान चोलापुर, मंगला यादव-प्रधान भवानीपुर, जयप्रकाश सिंह उदी-प्रधान रामपुर, हरिलाल चौहान-प्रधान बेनीपुर, वीरेंद्र यादव-प्रधान बहादुरपुर, आशीष पारस-प्रधान प्रतिनिधि लहरतारा, अजय सोनकर पूर्व पार्षद लहरतारा, राज बिहारी -प्रधान बंदेपुर, कुंवर वीरेंद्र जिला पंचायत सदस्य, इंद्र बहादुर सिंह-लालमन कोट प्रधान प्रतिनिधि, हरिशकर पटेल-पूर्व प्रधान अखरी, गोले पाल-पूर्व बीडीसी जफराबाद, गोविंद प्रसाद सिंह-प्रधान संघ अध्यक्ष हरहुआ, गणेश राजहंस-पूर्व बीडीसी, विशाल कुमार गुप्ता-बीडीसी, संतोष शर्मा-पार्षद रामनगर, हरिओम आनंद- जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि, हरिशकर-सभासद रामनगर, रितेश पाल-सभासद रामनगर, अशोक अग्रहरि-सभासद रामनगर, दूधनाथ मुन्ना-सभासद रामनगर।