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मौसम ने साथ दिया तो टमाटर की खेती से होगा मुनाफा, कर्मनाशा नदी के तटवर्ती इलाके में लहलहा रही खेती

ककरैत के सिवान में टमाटर की खेती लहलहा रही है। टमाटर की टहनियों व पत्तियों से जहां खेत हरा भरा दिख रहा वहीं फूल के साथ फल भी आने लगे हैं। इससे किसान प्रफुल्लित हैं। किसानों का कहना है कि मौसम ने साथ दिया तो खेती से अच्छा मुनाफा होगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 07:50 AM (IST)
मौसम ने साथ दिया तो टमाटर की खेती से होगा मुनाफा, कर्मनाशा नदी के तटवर्ती इलाके में लहलहा रही खेती
किसानों का कहना है कि मौसम ने साथ दिया तो खेती से अच्छा मुनाफा होगा।

चंदौली, जेएनएन। ककरैत गांव के सिवान में टमाटर की खेती लहलहा रही है। टमाटर की टहनियों व पत्तियों से जहां खेत हरा भरा दिख रहा, वहीं फूल के साथ फल भी आने लगे हैं। इससे किसान प्रफुल्लित हैं। किसानों का कहना है कि मौसम ने साथ दिया तो खेती से अच्छा मुनाफा होगा। 

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कर्मनाशा नदी के तटवर्ती इलाके में किसान बड़े पैमाने पर   सब्जी की खेती करते हैं। इससे किसानों की जीविका तो चलती ही है, आर्थिक स्थिति भी बेहतर होती है। सीजन में यहां का टमाटर यूपी, बिहार, झारखंड मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,  राजस्थान, आदि प्रांतों में जाता है। किसान अमर देव , शिवलग्न ,हरदेव चौधरी आदि ने बताया कि बटाई पर खेत लेकर टमाटर की अगेती खेती  की गई है।

सहफसली खेती के रूप में मेड़ पर अरहर और सेम लगाने के साथ बीच में टमाटर की खेती की गई है। चालू सीजन में फसल सबाब पर है। एक माह में टमाटर निकलने लगेगा। एक एकड़ खेत में जोताई , बोआई, निराई, दवाई एवं सिंचाई में बीस हजार रुपये खर्च हुए हैं। सिचाई एवं दवा का कार्य अभी चलता रहेगा। सब कुछ ठीक रहा तो पचास हजार से ऊपर मुनाफा मिलने की उम्मीद है। टमाटर के बाद इसमें गर्मी की सब्जी नेनुआ, करेला, भिंडी की खेती की जाएगी। 


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