Lockdown in varanasi : कनेक्टिविटी फिट तो ऑनलाइन पढ़ाई हिट, ऑनलाइन यूजर्स की संख्या बढ़ी
लॉकडाउन ने पठन-पाठन की धारा मोड़ दी है।
वाराणसी, जेएनएन। लॉकडाउन ने पठन-पाठन की धारा मोड़ दी है। महानगर से गांव तक के शिक्षक व विद्यार्थी अब ऑनलाइन हो गए हैं। वे यू-ट्यूब, दीक्षा, वाट्सएप आदि सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई में जुटे हैं। इसके चलते इंटरनेट पर लोड बढ़ गया है। बच्चों को एक वीडियो डाउनलोड करने में पांच मिनट तक लग जा रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी समस्या आड़े आ रही है। इंटरनेट कनेक्टिविटी जहां फिट है वहां ऑनलाइन पढ़ाई भी हिट है। ज्यादातर लोग पैसा बचाने व जानकारी के अभाव सस्ता मोबाइल फोन रखते हैं। कम जीबी रैंप के कारण मोबाइल फोन की स्पीड पर असर पड़ता है। यह समस्या फोन में लोड अधिक होने पर भी आती है। तमाम अभिभावक इसकी जानकारी नहीं होने के कारण सारा ठीकरा नेट कनेक्टिविटी पर फोड़ते हैं। हालांकि लॉकडाउन में इंटरनेट की उपयोगिता बढ़ी है। तमाम शैक्षिक एप का टै्रफिक जाम होने से ऑनलाइन पढ़ाई में बाधा आ रही है।
गांवों में अब भी तमाम लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं
अभिभावकों में बढ़ी जागरूकता शिक्षा को लेकर बढ़ी जागरूकता का ही असर है कि अभिभावक अपनी क्षमता के अनुसार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास करते हैं। यही कारण है कि लॉकडाउन में भी वे ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर सजग होकर बच्चों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। एक तबका ऑनलाइन पढ़ाई के लाभ से वंचित प्राचीन इतिहास विभाग, सारनाथ बोधिसत्व पीजी कालेज की प्रवक्ता डा. माधुर गुप्ता कहतीं हैं कि गांवों में अब भी तमाम लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं है। इस कारण ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उनको नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन का बढ़ रहा ग्राफ तमाम झंझावतों के बावजूद ऑनलाइन शिक्षा का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। परिषदीय विद्यालयों में 70 फीसद बच्चे ग्रामीण परिवेश व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से जुड़े होते हैं। इसके बावजूद परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई ने रफ्तार पकड़ी है।
40 फीसद बच्चों को वाट्सएप से जोड़ने का दावा
बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने 40 फीसद बच्चों को वाट्सएप से जोड़ने का दावा किया है। खुद के संसाधन से सेटअप परिषदीय विद्यालयों के तमाम अध्यापक अपने पैसे में इंटरनेट का डेटा मोबाइल फोन में भरवा रहे हैं। यही नहीं ऑनलाइन पढ़ाने के लिए घर पर लैपटॉप आदि भी रखे हैं। माध्यमिक स्तर पर भी प्रयास जारी यूपी बोर्ड के विद्यालयों में भी ऑनलाइन पढ़ाई का प्रयास जारी है। अध्यापकों ने वाट्सएप पर पाठ्य सामग्री अपलोड करना शुरू कर दिया है। वहीं, वित्तविहीन विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की दशा ठीक नहीं है। जनपद स्तर पर हो रही मानीट¨रग डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने बताया कि माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की मानीट¨रग के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था है। वहीं, बेसिक शिक्षा में भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को नोडल सेंटर बनाया गया है। जनपदीय कंट्रोल रूम से प्रतिदिन हर ब्लाक के 40 बच्चों व अभिभावकों से संपर्क का प्रयास किया जाता है।