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38 क्रय केंद्रों पर सौ किसान भी नहीं पहुंचे, बनारस में हर साल 23 लाख कुंतल धान का होता है उत्पादन

देश भर में धान क्रय केंद्रों पर किसानों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है लेकिन बनारस के क्रय केंद्रों तक किसानाें की पहुंच अभी नगण्य है। बनारस के सभी केंद्रों को मिलाकर सौ किसानों की भी आवक इस बार नहीं हो सकी है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 09:10 AM (IST)
38 क्रय केंद्रों पर सौ किसान भी नहीं पहुंचे, बनारस में हर साल 23 लाख कुंतल धान का होता है उत्पादन
बनारस के क्रय केंद्रों तक किसानाें की पहुंच अभी नगण्य है।

वाराणसी, जेएनएनदेश भर में धान क्रय केंद्रों पर किसानों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन बनारस के क्रय केंद्रों तक किसानाें की पहुंच अभी नगण्य है। बनारस के सभी केंद्रों को मिलाकर सौ किसानों की भी आवक इस बार नहीं हो सकी है। हालांकि चंद अन्नदाता, जो तेजी दिखाते हुए धान की कटाई कर क्रय केंद्रों तक पहुंचा चुके हैं, उनकी दीपावली काफी बेहतर गई यह भी कहना ठीक नहीं, क्योंकि सरकारी दावे के मुताबिक तीन कार्य दिवस के भीतर किसानों के खाते में धन नहीं पहुंच सका है। वहीं कई किसान अब भी जटिल नियमों व बिचौलियों के चंगुल से नहीं उबर सके हैं। कृषि अधिकारियों का कहना है कि यदि क्रय केंद्र किसानों के खेत से ज्यादा दूर होते हैं, तो ये समस्याएं आती हैं। इसलिए बनारस में क्रय केंद्र बेहद चुन-चुन कर किसानों के खेतों के नजदीक बनाए गए हैं।

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बनारस में 38 क्रय केंद्रों पर हैं, एक नोडल अधिकारी

बनारस के कुल 38 धान क्रय केंद्रों से इस साल 40500 मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है, जबकि सरकार अभी किसानों के बांट जोह रही है। अब तक महज 26 क्रय केंद्रों पर 179 किसान कुल 39.87 मीट्रिक टन धान का विक्रय कर चुके हैं। अर्थात लक्ष्य का करीब 1.71 फीसद हमने अब तक प्राप्त किया है। कृषि विभाग द्वारा जारी खरीफ क्रय वर्ष 2020-21 के अंतर्गत अब तक कुल 75 लाख रुपये का भुगतान किसानों को हो चुका है। वहीं बाकी के 52 लाख से अधिक के भुगतान अभी किए जाने हैं।

बोरा व तोल मशीन बांट जोह रहे कृषकों की

तय समयसीमा तक यानि कि अगले साल 28 फरवरी तक इस लक्ष्य को पाना कृषि विभाग के लिए एक चुनौती होगी। क्रय केंद्रों पर बोरा, तौल मशीन, पंखा जैसे संसाधनों समेत कर्मचारी व नोडल अधिकारी ड्यूटी दे रहे हैं, मगर किसानों पहुंचे से दूर हैं। सबसे बड़ी बात जिलाधिकारी के निर्देश पर पहली लेखपाल को ही नाेडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जिसे क्षेत्र की बेहतर समझ हो। जिला खाद्य विपणन अधिकारी अरूण कुमार त्रिपाठी का कहना है कि दीपावली के बाद क्रय केंद्रों में खरीदारी तेजी से बढ़ेगी।

बनारस में होता है 23 लाख कुंतल धान का उत्पादन

अरूण कुमार त्रिपाठी के अनुसार बनारस में हर साल 23 लाख कुंतल का उत्पादन होता है। इसके अलावा पचास कुंतल तक धान बेचने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि सौ कुंतल से अधिक धान बेचने वाले किसानों के फसल का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं इस बार आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर ही किसान क्रय केंद्रों पर धान बेचने आ सकेंगे।

1868 रुपये प्रति कुंतल है धान का भाव

समर्थन मूल्य के अनुसार क्रय केंद्रों पर चावल का मूल्य 1868 रुपये प्रति कुंतल है, जबकि 1888 रुपये ग्रेड ए के चावल का भाव है। अच्छी बात है कि बिचौलियो के बिना ही भुगतान पीएसएमएस द्वारा सीधे किसानों के खाते में कर दी जा रही है।\\Bपिछले साल की स्थिति\\Bपिछले साल 47,300 मीट्रिक टन धान की खरीदारी हुई थी, जबकि इस साल इससे करीब सात हजार मीट्रिक टन कम का लक्ष्य है। कोरोना महामारी के कारण धान उत्पादन में कमी आने के संकेत हैं। वहीं पिछले साल 1815 रुपये धान का समर्थन मूल्य रखा गया था, जबकि इस साल इसमें 58 रुपये की वृद्धि की गई है। तकनीकी गड़बड़ी ने खोली सरकार के दावों की पोल सरकार का दावा है कि धान क्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा, जबकि हकीकत कुछ और ही है। मिर्जामुराद धान क्रय केंद्र पर अभी तक दो किसानों से धान की खरीदारी हुई है, मगर उन्हें 72 घंटें में भुगतान नहीं हो पाया है। इसके पीछे अधिकारी तकनीकी गड़बड़ी का हवाला दे रहे हैं, जो कि तीन दिन में भुगतान कर दिए जाने के सरकारी दावे की पोल खोल रही है। बता दें कि क्षेत्रीय सहकारी समिति, मिर्जामुराद के भीखीपुर स्थित गोदाम पर पीसीएफ द्वारा संचालित धान क्रय केंद्र खुला है, जहां से विमौरी (राजपुर) गांव के रामसूरत पटेल व लालमणि पटेल से 21 कुंतल 60 किलो धान की खरीददारी हुई है। केंद्र के प्रभारी विभूति नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि गड़बड़ी को दूर कर एक-दो दिन के भीतर किसानों के खाते में राशि हस्तांतरित हो जाएगी।

जनपद में क्रय केंद्रों की रिपोर्ट

पिछले दिनों तक पिंडरा के सभी क्रय केंद्रों पर खरीद शून्य बनारस जनपद भर में प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले तीन-चार पहले तक पिंडरा क्षेत्र के चारो क्रय केंद्रों पर खरीद शून्य है, जिसमें पीडीएस गोदाम, मरुई, साधन सहकारी समिति मरुई छताव, साधन सहकारी समिति बाबतपर व एन जी सी एफ फूलपुर शामिल है।बड़ागांव में केवल 29 कुंतल खरीदी बडागांव ब्लाक के तीनों क्रय केंद्र खुले हैं, जिनमें से गांगखुर्द स्थित एफ सी आई गोदाम से दो किसानों नेे अब तक 29 कुंतल 20 किलोग्राम धान बेची है। वहीं मिर्जामुराद स्थित भीखीपुर गोदाम पर मात्र एक किसान से 11 कुंतल 60 किलो धान की खरीदारी हुई है, जबकि धान बेचने के लिए 70 किसानों ने पंजीकरण कराया है।काशी विद्यापीठ ब्लाक में लक्ष्य 14 हजार कुंतल काशी विद्यापीठ ब्लाक स्थित राजकीय धान क्रय केंद्र पर अब तक आठ कुंतल धान की खरीदारी की गयी है। हरहुआ ब्लाक के गोसाईपुर मोहाव धान क्रय केंद्र पर 20 कुंतल, स्थानीय विकास खंड के बावली धान खरीद केंद्र पर अभी तक 16 कुंतल धान की खरीद हुई है, जबकि लक्ष्य 14000 कुंतल खरीद का है।चोलापुर के रौना कला स्थित धान क्रय केंद्र पर मंगलवार तक 33 कुंतल धान आए। चिरईगांव में नौ किसानों ने किया संपर्क चिरईगांव में खुले एक केंद्र ने अभी तक चार किसानों से कुल 114.80 कुंतल धान खरीदे गए हैं, वहीं नौ किसानों ने ही संपर्क किया है। यूपीएग्रो केंद्र भी अभी तक नहीं खुला है, वहीं केंद्र प्रभारी आर के श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार खरीद हेतु अनुमति नहीं मिली है। इसके लिए एक अन्य एजेंसी को नामित किया गया है। वहीं किसानों का कहना है कि मात्र एक ही क्रय केंद्र होने से धान खरीद प्रभावित होगी। इसके अलावा छितौना व कमौली गांव जहां पर मैनुअल खसरा खतौनी है, वहां पर धान खरीद का पंजीकरण नहीं होने से किसानों की समस्या बढ़ गई है।


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