गंगा की निर्मलता के लिए संकटमोचन फाउंडेशन व मदर्स फॉर मदर ने बनायी मानव श्रंखला
गंगा की निर्मलता के लिए मंगलवार को तुलसीघाट पर हाथ से हाथ जुड़े। मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा... गीत गुनगुनाते हुए लोगों ने संकल्प लिया।
वाराणसी, जेएनएन। गंगा की निर्मलता के लिए मंगलवार को तुलसीघाट पर हाथ से हाथ जुड़े। मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा... गीत गुनगुनाते हुए लोगों ने संकल्प लिया। गीतकार पं. हरिराम द्विवेदी के सुर में सुर मिलाते गंगा स्वच्छता को अपना अभियान बनाने का हर एक से आह्वान किया गया। मदर्स फॉर मदर और संकट मोचन फाउंडेशन की ओर से कुछ इसी अंदाज में मानव श्रंखला ने आकार लिया।
इस दौरान हुई गोष्ठी की अध्यक्षता करते संकटमोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने कहा कि गंगा इस देश की जीवन रेखा और हमारी संस्कृति- सभ्यता की प्रतीक हैं। इसके बाद भी सिर्फ प्रदूषण के कारण समाप्ति के कगार पर हैं। उन्हें बचाने का प्रयास करना होगा। गंगा में मल-जल न बहे, शोधन का इंतजाम हो ताकि गंगाजल आचमन और पीने योग्य हो। बतौर मुख्य अतिथि एसएसपी की पत्नी काम्या कुलकर्णी ने कहाकि मां गंगा के लिए सभी को आगे आना होगा तभी गंगा प्रदूषण मुक्त होंगी।
विशिष्ट अतिथि अभ्युदय संस्थान अध्यक्ष रीता जायसवाल ने कहा कि मां गंगा सिर्फ नदी नहीं, हमारी जीवन रेखा हैं। अध्यक्षता कर रही मदर्स फॉर मदर की संस्थापक अध्यक्ष आभा मिश्रा ने कहा कि मां गंगा जीवन का आधार हैं, उन्हें प्रदूषण मुक्त नहीं किया तो जनजीवन बचाना मुश्किल है। संचालन राजेंद्र दुबे ने किया। केंद्रीय ब्राह्मïण महासभा अध्यक्ष सतीशचंद्र मिश्र, विजय शंकर पांडेय, रामयश मिश्र, माधव उपाध्याय, अशोक पांडेय, राजेश मिश्रा समेत कई स्कूलों के बच्चे थे। धन्यवाद ज्ञापन संकट मोचन फाउंडेशन के निदेशक प्रो. एसएन उपाध्याय ने किया।