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फिर जगी ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की उम्मीद, मोहन सराय व आसपास के चार गांवों में प्रस्तावित है योजना

यूनिटेक की अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार ने सहारा देने का एलान किया है। ऐसे में एक बारगी फिर से ट्रांसपोर्ट नगर योजना को आकार लेने की संभावना बन रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 06:47 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 09:45 PM (IST)
फिर जगी ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की उम्मीद, मोहन सराय व आसपास के चार गांवों में प्रस्तावित है योजना
फिर जगी ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की उम्मीद, मोहन सराय व आसपास के चार गांवों में प्रस्तावित है योजना

वाराणसी, जेएनएन। यूनिटेक की अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार ने सहारा देने का एलान किया है। ऐसे में एक बारगी फिर से ट्रांसपोर्ट नगर योजना को आकार लेने की संभावना बन रही है। मोहन सराय में बनने वाली ट्रांसपोर्ट नगर योजना प्रस्तावित है। वाराणसी विकास प्राधिकरण व किसानों के बीच विवाद से अधर में लटकी है।

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हकीकत यह है कि 19 साल बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं मिलने पर अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। अफसरों का कहना है कि किसानों ने मुआवजा ले लिया है, लेकिन जमीन देने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अगर योजना पांच साल में विकसित होकर नहीं लागू होती है तो स्वत: निरस्त मानी जाएगी। वहीं वीडीए ने पुराने रेट पर जमीनें खरीदी हैं जबकि जमीनों का रेट बढ़ गया है। ऐसे में नई दर के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए।

जाम का झाम दूर करना मकसद

लहरतारा समेत नगर के कई इलाकों में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था से जाम का झाम बना हुआ है। इस समस्या को दूर करने के लिए वीडीए ने मोहनसराय के आसपास चार गांवों के करीब 89 हेक्टेयर जमीन पर ट्रांसपोर्ट नगर बसाने का प्रस्ताव बनाया। इसका मकसद शहर में बढ़ रहे ट्रैफिक लोड को व्यवस्थित करना था। अप्रैल 2003 में इन गांवों के किसानों से 45 हेक्टेयर जमीन खरीद ली गई, लेकिन दूसरे किसानों ने जमीन देने की बजाय आंदोलन शुरू कर दिया। विरोध के चलते वीडीए जमीनों पर कब्जा नहीं ले पाया।

वीडीए के तीन विकल्प हुए अमान्य

वीडीए ने शासन को पत्र लिखकर किसानों की जमीन वापस करने, उनसे मुआवजा वापस लेने या फिर किसी दूसरी जगह बनाने का प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन उच्चाधिकारियों ने इसे लौटा दिया। साथ ही योजना को पूरा करने का निर्देश दिया। वीडीए की दिक्कत है कि कई बार बुलाने के बावजूद किसान नेता बातचीत के लिए नहीं तैयार हो रहे हैं।

जमीन देने को किसान तैयार नहीं

किसान आंदोलन के नेतृत्वकर्ता विनय राय मुन्ना ने कहा कि मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर बसाना आसान नहीं है। वैसे भी सरकार की कोई भी योजना यदि पांच सालों में लागू नहीं हुई तो वह स्वत: समाप्त हो जाना चाहिए। यह योजना तो डेढ़ दशक पहले की है। ऐसे में किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं।

अब तक हुईं ये कवायद

-1998 में ट्रांसपोर्ट नगर का बना प्रस्ताव

-18 दिसंबर 2000 को जमीन अधिग्रहण के लिए हुआ गजट

-82 करोड़ है प्रोजेक्ट की लागत

-37 करोड़ की खरीदी गई जमीन

-1194 किसानों की ली गई जमीन

-89 हेक्टेयर जमीन पर होगा निर्माण

-45 हेक्टेयर जमीन हुई अधिग्रहित

-48 फीसद किसानों ने लिया मुआवजा

ट्रांसपोर्ट नगर इन गांवों में प्रस्तावित

-मोहन सराय : 17 किसान

-बैरवन : 586

-करनाडाड़ी : 584

-मिल्कीचक : 07


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