परिषदीय विद्यालय अब होंगे टिप-टॉप, हिंदी व अंग्रेजी माध्यम के एक-एक विद्यालय होंगे मॉडल
निजी विद्यालयों की भांति अब परिषदीय विद्यालय भी टिप-टॉप नजर आएंगे। प्रथम चरण में प्रत्येक ब्लाक से हिंदी व अंग्रेजी माध्यम के एक-एक स्कूल मॉडल विद्यालय बनाए के रूप में विकसित होंगे।
वाराणसी, जेएनएन। निजी विद्यालयों की भांति अब परिषदीय विद्यालय भी टिप-टॉप नजर आएंगे। प्रथम चरण में प्रत्येक ब्लाक से हिंदी व अंग्रेजी माध्यम के एक-एक स्कूल को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। विद्यालयों के भौतिक परिवेश को आकर्षक बनाने के लिए शासन ने सभी जनपदों के बीएसए से अविलंब प्रस्ताव मांगा है।
विद्यालयों के भौतिक परिवेश का बच्चों व उनके अभिभावकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिन विद्यालयों में बिजली, पानी, डेस्क-बेंच, कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास, व्हाइट बोर्ड सहित अन्य भौतिक संसाधन उपलब्ध हैं। उन विद्यालयों में छात्रसंख्या बढ़ी है। वहीं तमाम शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों के प्रयासों से कुछ परिषदीय विद्यालयों को डिजिटल लर्निंग से सुसज्जित किया गया है। इन विद्यालयों में भी बच्चों व उनके अभिभावकों का झुकाव बढ़ा हैै। इसे देखते हुए शासन ने चरणबद्ध तरीके से परिषदीय विद्यालयों को चमकाने का निर्णय लिया है। शासन ने प्रत्येक जिलों के बजट में मॉडल विद्यालयों में बाउंड्रीवाल, शौचालय, टाइल्स, फर्नीचर, सोलर सिस्टम, पुस्तकालय, लैब, डिजिटल क्लास रूम, रनिंग वाटर, खेल सामग्री, माइक सिस्टम, वाटर कूलर, झूला, खिलौना, लैग्वेज लैब, अग्निशम यंत्र के लिए 23.80 लाख रुपये में शामिल भी कर लिया है। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह की ओर से जारी परिपत्र बीएसए जय सिंह को भी मिला है। बीएसए जय सिंह ने बताया कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से सप्ताहभर में चयनित मॉडल विद्यालयों की सूची मांगी गई है। 16 मॉडल विद्यालयों का प्रस्ताव जल्द ही शासन को भेज दिया जाएगा।
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