उत्तर प्रदेश महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्री संविदा संघ स्थायीकरण प्रकरण में हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब
उच्च न्यायालय प्रयागराज ने उत्तर प्रदेश महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्री संविदा संघ (एएनएम) की स्थायीकरण से जुड़े उम्र सीमा तय किए जाने एवं परीक्षा की अनिवार्यता के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को चार सप्ताह में हलफनामा दायर कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ)। उच्च न्यायालय प्रयागराज ने उत्तर प्रदेश महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्री संविदा संघ (एएनएम) की स्थायीकरण से जुड़े उम्र सीमा तय किए जाने एवं परीक्षा की अनिवार्यता के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को चार सप्ताह में हलफनामा दायर कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
एएनएम संघ की प्रदेश उपाध्यक्ष बंदना राय, महामंत्री सोनिका सिंह, संगठन मंत्री अंजू वर्मा, कोषाध्यक्ष नीतू सिंह, संगठन मंत्री अंजू वर्मा एवं प्रचार मंत्री रीतू चौबे ने मई माह में उच्च न्यायालय मेंं एक याचिका दायर किया। याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने संविदा पर नियुक्त एएनएम को समान कार्य समान वेतन के आधार पर स्थायी एएनएम के समकक्ष पे स्केल, दीर्घकाल से सेवारत होने के चलते योजनाबद्ध तरीके से स्थायीकरण करने, स्थायीकरण के बाबत यूपी सबआर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड लखनऊ की अधिसूचना के तहत लंबे समय से कार्यरत इन एएनएम को आयु सीमा से मुक्त किए जाने और उत्तर प्रदेश मेडिकल हेल्थ एवं फेमिली वेलफेयर विभाग, हेल्थ वर्कर्स एवं हेल्थ सुपरवाइजर नान गजटेड सर्विस रुल्स 2018 के तहत आयोजित लिखित परीक्षा से याचीगण को छूट दिए जाने के बाबत प्रदेश सरकार को तीन सप्ताह में अपना पक्ष प्रसतुत करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के एक सप्ताह के भीतर प्रत्युत्तर शपथ पत्र प्रस्तुत करने का भी समय दिया है।
बोलीं उपाध्यक्ष : उच्च न्यायालय ने अरसे से न्याय को भटक रही महिलाओं की पीड़ा को समझा है। अब न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। कोर्ट के इस आदेश से संघ की महिलाओं का हाैसला बढ़ा है। -बंदना राय-प्रदेश उपाध्यक्ष एएनएम संघ।