धर्मांतरण प्रकरण में एफआईआर निरस्त करने से हाई कोर्ट ने किया इनकार
जौनपुर के चंदवक थाना क्षेत्र के भूलनडीह में धर्मांतरण प्रकरण में हाई कोर्ट ने अभियुक्तों के खिलाफ एफआईआर को निरस्त करने से इंकार कर दिया।
जौनपुर (जेएनएन) । चंदवक थाना क्षेत्र के भूलनडीह में धर्मातरण प्रकरण में हाई कोर्ट ने अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने से इंकार कर दिया। ईसाई केंद्र संचालक आरोपी दुर्गा प्रसाद व दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पर विवेचक द्वारा विश्वसनीय साक्ष्य इकट्ठा होने तक रोक लगा दिया है। इसका सीधा अर्थ है कि अगर अभियुक्तों के खिलाफ विवेचक ने साक्ष्य इकट्ठा कर लिया तो अभियुक्तों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। अब अभियुक्तों की गिरफ्तारी साक्ष्य पर निर्भर है।
अभियुक्त दुर्गा प्रसाद व दो अन्य आरोपियों ने एफआईआर निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस बालकृष्ण नारायण व रविंद्र नाथ कक्कड़ ने निर्देश जारी किया। बता दें कि वादी अधिवक्ता बृजेश ने 5 अक्टूबर को एसीजेएम पंचम कोर्ट में दरखास्त दिया था। इसमें लिखा था कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के एक माह बाद भी 271 अभियुक्तों में एक आरोपी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई। पुलिस अभियुक्तों को बचाने का प्रयास कर रही है। धीमी गति से विवेचना कर अभियुक्तों को लाभ दे रही है जिससे सबूत नष्ट होने की आशका है। कोर्ट ने थाना से रिपोर्ट तलब किया है कि विवेचना में अब तक क्या प्रगति हुई। पूर्व में विवेचक द्वारा लीपापोती करने पर विवेचक कोतवाल केराकत को नियुक्त किया गया।
उन्होंने प्रार्थना सभा पर तो रोक लगा दी और वादी का बयान भी दर्ज किया जिसमें उन्होंने ईसाई केंद्र संचालक दुर्गा प्रसाद यादव किरीत व जितेंद्र के अलावा तीन महिलाओं प्रीति, ज्योति व प्रिया का नाम भी धर्म परिवर्तन कराने में लिया। इसके बावजूद भी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। अधिवक्ता बृजेश ने कोर्ट में दुर्गा प्रसाद यादव, किरीत राय, जितेंद्र, 260 पादरी व आठ युवतियों के खिलाफ दरखास्त दी थी। इसमें कहा था कि ईसाई केंद्र का संचालक दुर्गा प्रसाद व अन्य आरोपी जिले सहित चार अन्य जिलों में सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार, प्रवचन कर गरीब व पिछड़े लोगों को धोखा देकर, बहला फुसलाकर एवं रुपए का लालच देकर इसाई बना रहे हैं। आरोपी सनातन धर्म के उपासना पद्धति का एवं मूर्ति पूजा का मजाक उड़ाकर अपमान करते हैं। लोगों को नशीली दवाइया खिलाकर, अंधविश्वास फैलाकर जानलेवा गलत उपचार करते हैं। प्रतिबंधित रसायन खिलाकर ईसा मसीह की जय बुलवा कर उन्हें इसाई बनाते हैं।
देवी देवताओं के प्रति लोगों के मन घृणा पैदा कर रहे हैं ।इससे धार्मिक उन्माद भड़क सकता है एवं सामाजिक शाति भंग सकती है। इस कृत्य से वादी एवं अन्य लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। वादी अधिवक्ता की दरखास्त पर एसीजेएम पंचम ने ईसाई केंद्र संचालक दुर्गा प्रसाद यादव समेत 271 आरोपियों पर धोखाधड़ी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने का कोर्ट के आदेश पर 5 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज हुई।