हैलो डाक्टर : घुटनों का दर्द हो या जोड़ों का, योग व एक्सरसाइज पर करें भरोसा
सामान्य तौर पर अधिकांश ऐसे दर्द या समस्याएं हैं जिनमें थोड़े योग आसन व एक्सरसाइज और लाइफ स्टाइल में थोड़ा परिवर्तन लाकर आराम या पूर्ण मुक्ति पाई जा सकती है। जहां तक संभव हो सके दर्द निवारक दवाओं के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए।
वाराणसी, जेएनएन। घुटनों, कमर, कंधों, गर्दन के दर्द से आज के दौर मेें अधिकांश लोग पीडि़त हैं। देखा जाए तो 90 फीसद से अधिक आबादी किसी न किसी रूप में हड्डी संबंधित दर्द या समस्या से जूझ रही है। इसका कारण है हमारी अनियमित दिनचर्या, शारीरिक श्रम का अभाव, या शारीरिक क्षमता से अधिक काम और फिर कैल्शियम, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों की कमी। सामान्य तौर पर अधिकांश ऐसे दर्द या समस्याएं हैं जिनमें थोड़े योग, आसन व एक्सरसाइज और लाइफ स्टाइल में थोड़ा परिवर्तन लाकर आराम या पूर्ण मुक्ति पाई जा सकती है। जहां तक संभव हो सके दर्द निवारक दवाओं के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए। यह कहना है शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. प्रसन्न कुमार का। वह बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हैलो डाक्टर कार्यक्रम में फोन पर पाठकों के सवालों के जवाब दे रहेे थे।
0-मेरी उम्र 47 वर्ष है। बचपन में फुटबाल खेलता था व कुश्ती भी लड़ता था। अब ट्रैक्टर चलाता हूं, बाएं पैर के घुटना में हमेशा दर्द होता है। दाएं पैर में कभी-कभी चलने में दर्द हो जाता है।
-आदर्श कुमार यादव, ओदार, पिंडरा, वाराणसी।
-आपको आर्थराइटिस है। घुटनों पर ज्यादा जोर दिया है, अब वह तेजी से घिस रहे हैं। नसें भी जोर पडऩे के कारण लोड नहीं ले पा रही हैं। गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर तौलिया से सेंकाई करें। पैर को सीधा फैलाकर बैठें, उसके नीचे एक रुमाल रख लें और घुटनों से उसे दबाएं। यानि चक्की को 10 सेकंड तक खींचें व छोड़ें। यह प्रक्रिया एक बार में 40-50 बार करें और दिन में 7-8 बार। शुगर व यूरिक एसिड की जांच कराएं। एक्सरसाइज से आराम मिलेगा।
0-उम्र 65 साल है। सीढ़ी पर चढऩे, उठने व बैठने में घुटनों, कमर व बांहों में दर्द रहता है। अक्सर पूरे शरीर में पीड़ा रहती है। शुगर, यूरिक एसिड नार्मल है। अनुलोम-विलोम, कपाल भाथी करता हूं। फिर भी समस्या काफी दिनों से बनी हुई है।
-रमेशचंद्र चौरसिया, भदोही।
-आपको डिजेंट्रिव स्पांडलाइटिस या आर्थराइटिस हो सकता है। कड़े बिस्तर पर लेटें, तकिया बहुत पतला लगाएं। आगे झुकने वाला व भारी काम न करें। धनुषासन और घुटने के नीचे रुमाल रखकर उसे दबाने वाली एक्सरसाइज करें। आराम न मिले तो चिकित्सक से संपर्क करें।
0-मेरी उम्र 70 साल है, डायबिटीज और बीपी की मरीज हूं। ज्वाइंट पेन तो नहीं है, पर रीढ़़ में और हिप से लेकर नसों तक पूरे शरीर में दर्द रहता है। पैरों में जलन बनी रहती है। -शांति देवी, दुर्गाकुंड, वाराणसी।
-आपको लंबर स्पांडिलाइटिस है। जो दवाएं चल रही हैं, उन्हें खाते रहिए। साथ में न्यूरोबियान व बी-कांप्लेक्स ले लीजिए। बिस्तर पर पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को उठाकर साइकिल चलाने जैसी एक्सरसाइज करें। आराम न मिले तो चिकित्सक से संपर्क करें।
0-उम्र 43 साल है। मोटरसाइकिल से सामानों की डिलेवरी का काम है। 2-3 माह से बाएं तरफ गर्दन में दर्द रहता है। ऊपर-नीचे करने पर आराम मिलता है। कमर में भी दर्द है।
-सतीश पांडेय, कछार, गाजीपुर।
-कड़े बिस्तर पर सोइए। तकिया पतली लगाइए। गर्दन आगे झुकाकर काम न करें। गर्दन में साफ्ट कालर लगाएं। साथ ही किसी नजदीकी अस्थि चिकित्सक से संपर्क कर गर्दन की कसरत सीख लें और अभ्यास करें।
0-छह माह पहले एक्सीडेंट हुआ था, फ्रैक्चर नहीं था मगर दाएं पैर में घुटने के एक इंच नीचे चलने में बहुत दर्द होता है। थोड़ा दौडऩे पर चिल्हिकने लगता है।
-सुरेश कुमार, पटहा, सोनभद्र।
-आपको साफ्ट टिश्यू इंजरी हुई थी, उसी समय प्लास्टर लगा लेते या कुछ दिन रेस्ट कर लेते तो यह समस्या नहीं होती। खैर, अब गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर उसे दिन में दो बार सेंकिए। दोपहर और रात में सेंकने के बाद ठंडा होने पर कोई दर्द निवारक जेल लगा लीजिए, ध्यान रहे, लगाना है, मालिश नहीं करना है। घुटने की चक्की को ऊपर-नीचे खींचने की कसरत करना है, 10 सेकंड तक खींचकर रोकना है। इसे एक बार में 40-50 बार करें और एक दिन में सात-आठ बार दुहराएं। कैल्शियम व विटामिन बी-कांप्लेक्स की टेबलेट खाएं।
0-उम्र 43 साल है। दोनों घुटनों में दर्द होता है। बैठने के बाद उठना मुश्किल हो जाता है। वजन ज्यादा नहीं बस, 55-56 किलो है। -प्रमोद कुमार, भांवरकोल, गाजीपुर।
-हो सकता है, कभी पैर कहीं टेढ़ा-मेढ़ा पड़ गया हो, इससे घुटनों के बीच की हड्डी का वाशर घिस गया है। गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर तौलिया भिगोकर उसे चारों तरफ लपेटकर हल्के हाथ से दबाते हुए सेंकाई करें। ठंडा लगाने पर जेल लगाएं, मालिश न करें। घुटनों की चक्की खींचने-छोडऩे का व्यायाम दिन में कई चक्र में 500-600 बार करें। आराम न मिले तो चिकित्सक को दिखाएं।
0-पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हूं। उम्र 76 साल है। दौड़-भाग ज्यादा करता था, अब कूल्हे से पैर तक काम नहीं करता है। दो डंडों के सहारे दिनचर्या किसी तरह पूरी हो पाती है। पहले स्पाइनल कार्ड का आपरेशन भी हो चुका है। शरीर में जकडऩ और सुन्नपन बना रहता है।
-महानंद दूबे, गाजीपुर।
0-पैर के नीचे तकिया लगाकर सोया करें ताकि उनमें सूजन न हो। पैर के अंगूठे सेे जांघ तक केवल ऊपर की ओर ही मालिश करें। इससे नसों में मजबूती आएगी। पैर को मोड़ते व सीधा करते रहें, पैर की अंगुलियां चलती रहें। लेटे-लेटे घुटनों की एक्सरसाइज करते रहिए।
0-उम्र 24 साल है। बचपन में घुटने में चोट लगी थी, कूल्हे में बोन टीबी हो गई्र थी। अब एक साइड का हिप सुन्न रहता है। पालथी मारकर नहीं बैठ पाती। झुकने में घुटने से दिक्कत होती है।
-श्वेत पाठक, मीरजापुर
-बोन टीवी के चलते आपका एक साइड का हिप फ्यूज हो गया है, जिसे एंकलोसिस कहते हैं। अगर काम चल जा रहा हो तो ठीक है, वर्ना कूल्हे का प्रत्यारोपण कराना होगा। यह बीएचयू में भी हो सकता है। एक बार आकर दिखा लें।
0-दाहिने घुटने में सुबह-सुबह करंट मारने जैसा दर्द होता है।
-रामकेवल, जंगीगंज भदोही।
-एक बार चिकित्सक को दिखाइए।
0-उम्र 48 वर्ष है। छह माह से सुबह उठने पर पैर के घुटने में तेज दर्द होता है, फिर धीरे-धीरे नार्मल हो जाता है।-जयंत सिंह, जौनपुर।
-रात में सोने से पहले सेंधा नमक व गरम पानी में तौलिया भिगोकर सेंकाई करें। सेंकाई करते समय हथेलियों से हल्का दबाव दें, ताकि भाप घुटनों के भीतर जाए। इसके बाद ठंडा होने पर जेल लगा लें। पैर फैलाकर घुटने के नीचे रुमाल रखकर उसे दबाएं। सुबह नाश्ते के बाद कैल्शियम की टेबलेट लें।
0-उम्र 80 वर्ष है। पूर्व सैनिक हूं। घुटने से दिक्कत है, चल नहीं सकता। डाक्टर बताते हैं कि रक्त संचार कम हो गया है।
-रामनायक राय, गाजीपुर।
-आपको आस्टियोआर्थराइटिस है। इसमें घुटनों का लुब्रीकेंट कार्टिलेज सूख जाता है। गर्म पानी व सेंधा नमक से सेंकाई करें या सरसों के तेल में अजवाइन पका कर लगाएं। दिन में 2-3 बार दर्द निवारक जेल लगाएं। घुटने की एक्सरसाइज क्वाड्रिसेफ ड्रिल करें।
0-माताजी की पसली में दर्द है। कंधे जाम हो गए हैं, हाथ ऊपर नहीं उठता, काफी दर्द होता है।
-राजीव कुमार, नदेसर, वाराणसी।
-फ्रोजेन सोल्जर की समस्या है। हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाने और कान से छूने का प्रयास करें। एक ही बार में जबर्दस्ती न करें, कुछ दिनों के अभ्यास के बाद कंधा खुलने लगेगा। एक बार चिकित्सक को दिखा लें और एक्सरसाइज सीख लें।
इन्होंने भी पूछे सवाल
डा. धर्मराज सिंह, खरहनी चंदौली, पूर्णिमा श्रीवास्तव, चिरैयाकोट-मऊ, प्रमोद कुमार, लमही-वाराणसी, शोभनाथ यादव खजुरी-वाराणसी, डा. कमलाशंकर महमूरगंज-वाराणसी, अजय सिंह परदहा मिल रोड-मऊ।