भदोही जिले में स्वास्थ्य मंत्री के तलब करते ही जालसाज फार्मासिस्ट हुआ बहाल
कैबिनेट मंत्री ने सीएमओ की ऐसी क्लास लगाई कि निदेशालय से दिए गए निर्देश को ताख पर रखकर जालसाज गिरोह के सरगना फार्मासिस्ट को सोमवार को आखिरकार बहाल कर दिया।
ज्ञानपुर (भदोही) [स्वाधीन तिवारी] । सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही भ्रष्ट व्यवस्था को खत्म करने के लिए सख्त हों, लेकिन माननीय अपने कारनामे से बाज नहीं आ रहे हैं। आलम यह है कि सूबे के कैबिनेट स्वास्थ्य मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ सतीश सिंह की ऐसी क्लास लगाई कि निदेशालय से दिए गए निर्देश को ताक पर रखकर जालसाज गिरोह के सरगना फार्मासिस्ट भारत भूषण सिंह को सोमवार को बहाल कर दिया। हालांकि सीएमओ ने उसके कार्यभार ग्रहण करने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कहकर सरकार का बचाव करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
की जा चुकी है कार्रवाई
बताते चलें कि टीजीटी-पीजीटी परीक्षा में पेपर आउट करने के आरोप में औराई क्षेत्र के गिर्दबड़गांव में तैनात फार्मासिस्ट भारत भूषण सिंह सहित 34 लाेगों के खिलाफ 30 जुलाई 2018 को लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया था। एसटीएफ ने आरोपी फार्मासिस्ट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। स्वास्थ्य निदेशालय से डा अतुल कुमार मिश्र ने सात सितंबर को आरोपी फार्मासिस्ट को निलंबित करने का निर्देश दिया था। निदेशालय के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने 11 सितंबर को आरोपित फार्मासिस्ट को निलंबित भी कर दिया था। पर जब यह मामला सूबे के कैबिनेट स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के पास पहुंचा तो रविवार को ही इलाहाबाद में जन सुनवाई में मुख्य चिकित्साधिकारी और उनके स्टेनो अनिल त्रिपाठी को तलब किया गया था।
जनसुनवाई के दौरान लगी क्लास
जन सुनवाई के दौरान सीएमओ की जमकर क्लास लगाई। साथ ही फार्मासिस्ट के निलंबन पर सवाल भी किया गया। सीएमओ फाइल दिखाते रहे, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी। इस दौरान उन्होंने स्टेनो अनिल त्रिपाठी और प्रमोद मिश्रा पर धन उगाही का आरोप लगाते हुए निलंबित करने का निर्देश सचिव को दिया। आखिरकार कैबिनेट मंत्री के तेवर को देख मुख्य चिकित्साधिकारी ने जालसाज फार्मासिस्ट को बहाल कर दिया। साथ ही उसे संबंधित अस्पताल में कार्यभार ग्रहण कराने का निर्देश दे दिया। सीएमओ डॉ सतीश सिंह ने बताया कि आरोपित फार्मासिस्ट को ज्वाइनिंग के लिए कहा गया है। इसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए शासन को भेजा जाएगा।