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Hanuman Jayanti 2020 : हनुमान जयंती पर पुण्‍य की कामना, ग्रहों के दोष से मुक्ति का भी मौका

हनुमान जयंती का यह मौका उनकी कृपा और पुण्‍य की प्राप्ति का अवसर भी है। अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता अंजनी पुत्र भक्त शिरोमणि श्री हनुमान के जन्म महोत्सव का महापर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 10:06 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 10:06 AM (IST)
Hanuman Jayanti 2020 : हनुमान जयंती पर पुण्‍य की कामना, ग्रहों के दोष से मुक्ति का भी मौका
हनुमान जयंती का यह मौका उनकी कृपा और पुण्‍य की प्राप्ति का अवसर भी है।

वाराणसी, जेएनएन। हनुमान जयंती का मौका उनकी कृपा और पुण्‍य की प्राप्ति का अवसर भी है। अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता अंजनी पुत्र भक्त शिरोमणि श्री हनुमान के जन्म महोत्सव का महापर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 14 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 13 नवंबर शुक्रवार को शाम 5:59 पर लगेगी जो कि 14 नवंबर शनिवार को दिन में 2:18 तक रहेगी।

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काशी के ख्‍यात ज्‍योतिषाचार्य विमल जैन ने जागरण्‍ा को बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सायं काल मेष लग्न में श्री हनुमान जी का जन्म महोत्सव मनाया जाता है। इस दिन व्रत उपवास रखकर श्री हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली बनी रहती है। साथ ही समस्त संकटों का निवारण भी होता है। जैसा कि हनुमान चालीसा में बतलाया गया है कि 'संकट ते हनुमान छुड़ावैं, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै'।

पौराणिक मान्यता के अनुसार पवनसुत भक्त शिरोमणि हनुमान के विराट स्वरूप में इंद्र देव, सूर्य देव, विश्वकर्मा जी एवं ब्रह्मा जी की शक्ति समाहित है। शिव महापुराण के अनुसार पृथ्वी, जल, वायु, आकाश, सूर्य, चंद्रमा, के साथ शिव जी के प्रत्यक्ष रूप बताए गए हैं। एक मान्यता के अनुसार हनुमानजी ब्रह्म स्वरूप भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार भी माने गए हैं। कलियुग में हनुमान को अमरत्व का वरदान प्राप्त है।

ऐसे करें प्रसन्न : ज्‍योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में दैनिक नृत्य कृत्‍यों से निवृत्त होकर अपने आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान हनुमान की पंचोपचार व षोडशोपचार से विधि विधान पूर्वक पूजा करनी चाहिए। भगवान हनुमान जी की महिमा में विविध स्‍तुतियां श्री हनुमान चालीसा, श्री सुंदरकांड, श्री हनुमान सहस्त्रनाम, श्री रामचरितमानस का पाठ साथ ही हनुमान जी से संबंधित विभिन्न मंत्रों का जप करना लाभकारी रहता है। इस दिन व्रत रखकर हनुमान जी की विशेष अनुकंपा प्राप्त की जाती है। ऐसी मान्यता है हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मंगल कल्याण का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इससे जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन के समस्त संकटों के निवारण के लिए हनुमान जी की आराधना फलदाई होती है। जैसा कि हनुमान चालीसा 'संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरे हनुमत बलबीरा' का मान है। ग्रह के दोष निवारण के लिए इस दिन हनुमान जी की पूजा विशेष लाभदायी होती है।


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