Move to Jagran APP

बिना किताब हो गई छमाही परीक्षा, 22 लाख किताबों को भेजने का विभाग का दावा

आजमगढ़ में सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्रतिवर्ष सरकार अरबों रुपये जहां खर्च कर रही है वहीं जनपद के कई परिषदीय स्कूलों में बिना किताबों के छमाही परीक्षा हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 09:01 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 04:05 PM (IST)
बिना किताब हो गई छमाही परीक्षा, 22 लाख किताबों को भेजने का विभाग का दावा
बिना किताब हो गई छमाही परीक्षा, 22 लाख किताबों को भेजने का विभाग का दावा

आजमगढ़, जेएनएन। सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्रतिवर्ष सरकार अरबों रुपये जहां खर्च कर रही है वहीं विभाग सरकार के मंशा पर पूरी तरह से पलीता लगाने में जुटा हुआ है। जनपद के परिषदीय विद्यालयों में छमाही परीक्षा हो गई और अभी भी तमाम ऐसे विद्यालय हैं जहां पर किताबें पूरी पहुंच ही नहीं पाई हैं। जबकि विभाग का दावा है कि सभी विद्यालयों के लिए यहां से विभिन्न विषयों की 22 लाख 8 हजार 555 किताबें सभी विकास खंड को भेज दी गई है। सच देखा जाए तो ठेकेदारों ने इसमें खेल कर रखा है। इन्होंने ब्लाक मुख्यालय व एबीआरसी से अभी तक स्कूलों तक किताबों को पहुंचाया ही नहीं। जबकि बच्चों का रजिस्ट्रेशन जुलाई माह से ही शुरू हो गया था।

loksabha election banner

जनपद में कुल बाइस विकास खंड हैं। हर विकास खंड एबीआरसी है। बेसिक शिक्षा कार्यालय से सभी एबीआरसी को किताबें 14 दिसंबर 2018 को भेज दी गई है। ऐसे में एबीआरसी की जिम्मेदारी होती है कि वह किताबों को विद्यालय तक पहुंचाएं लेकिन पूरे जनपद में कुछ विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो अभी तक तमाम विद्यालयों पर किताबें पहुंची ही नहीं है। जो किताबें भेजी गई हैं उसमें कलरव, संस्कृत, गिनतारा, हमारा परिवेश, आओ समझें विज्ञान, हमारा पर्यावरण, गृहशिल्प, हमारा इतिहास व नागरिक जीवन, गणित, मंजरी आदि शामिल हैं। विभाग की मानें तो ठेकेदारों ने भी इसमें खेल कर रखा है। वह किताबों को बीआरसी से पहुंचा भी नहीं रहे हैं और धौंस भी दे रहे हैं। कुछ ठेकेदार मनमानी करते हैं। इसकी वजह से किताबें जगह-जगह ठंप पड़ी है। मार्टीनगंज प्रतिनिधि के अनुसार एबीआरसी तक अभी तक किताब ही नहीं पहुंची है। मार्टिनगंज खंड शिक्षा कार्यालय क्षेत्र में पांच अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय चयनित किए गए हैं। इसमें सिकरौर सहबरी, फुलेश, सिसवारा, बनगांव निकासीपुर शामिल हैं। इन विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने के लिए अध्यापक और अध्यापिकाओं की नियुक्ति की गई है। ऐसे में पढ़ाई कैसे होती है, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। फुलेश प्राथमिक विद्यालय में कुछ अलग देखने को मिला। यहां प्राथमिक इंग्लिश मीडियम स्कूल में 440 बच्चो का रजिस्ट्रेशन हुआ है। बच्चों को पढ़ाने के लिए अंग्रेजी माध्यम से पांच अध्यापकों की नियुक्ति की गई और बकायदा अर्धवार्षिक परीक्षा मात्र दो ही किताबों से करवा दी गई।

किताबों को एबीआरसी को भेज दी गई हैं। अगर किताबें नहीं पहुंचती हैं तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। ठेकेदार लापरवाही बरतते हैं तो उनके खिलाफ लिखा जाएगा। -देवेंद्र कुमार पांडेय : बेसिक शिक्षा अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.