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जौनपुर के सभासद बाला लखंदर यादव की हत्या में जीआरपी ने चार को किया गिरफ्तार

गत एक फरवरी को नगरपालिका जौनपुर के सभासद सपा नेता बाला लखंदर यादव की हत्या रंजिशन की गई थी। बुधवार को दोपहर बाद जौनपुर जंक्शन पर जीआरपी प्रभारी अरविंद सिंह ने पत्रकारों के समक्ष हत्या की वजहों का राजफाश किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 04:57 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 07:15 PM (IST)
जौनपुर के सभासद बाला लखंदर यादव की हत्या में जीआरपी ने चार को किया गिरफ्तार
बुधवार को जौनपुर जंक्शन पर जीआरपी प्रभारी अरविंद सिंह ने पत्रकारों के समक्ष हत्या की वजहों का राजफाश किया।

जौनपुर, जेएनएन। नगरपालिका जौनपुर के सभासद सपा नेता बाला लखंदर यादव की हत्या पुराने मामले के प्रतिशोध में की गई थी। महाराष्ट्र से आए दो शूटरों ने एक फरवरी को सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतारा था। जीआरपी ने बुधवार को हत्या के मास्टरमाइंड सहित चार लोगों को जलालपुर से गिरफ्तार किया। दोपहर बाद जीआरपी थाने में आरोपितों को मीडिया के सामने पेश करते हुए पुलिस अधीक्षक जीआरपी प्रयागराज डाक्टर बृजेश कुमार व पुलिस अधीक्षक जौनपुर राज करन नय्यर ने बताया कि बाला लखंदर की हत्या प्रतिशोध में की गई। आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त पिस्टल व मोबाइल बरामद हुई है।

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 बताया कि सैदनपुर निवासी उसी वार्ड के सभासद बाला लखंदर एक फरवरी की रात करीब सवा आठ बजे सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर टहल रहे थे। उसी समय गोलियों से छलनी कर दिया गया। उस प्लेटफार्म पर सन्नाटा होने के कारण हमलावरों की संख्या और उनकी पहचान बताने वाला कोई नहीं मिला। उनके भाई जितेंद्र यादव की तहरीर पर भंडारी स्टेशन स्थित जीआरपी थाने में तीन नामजद व कुछ अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें मडिय़ाहूं ब्लाक प्रमुख लाल प्रताप यादव, सैदनपुर वार्ड निवासी सुनील यादव व बक्शा थाना क्षेत्र के कोहड़े गांव निवासी राकेश यादव भी थे। जांच में जुटी जीआरपी को पहले तो मामला जमीन विवाद का पता चला, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई केस की परतें खुलती गईं। सर्विलांस और मुखबिर की मदद से पता चला कि बाला लखंदर यादव की हत्या वर्ष 2016 में हुए एक हत्याकांड से जुड़ी है। केस का खुलासा करने वाली टीम को 50 हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई है।

ऐसे दिया हत्या की घटना को अंजाम

एसपी ने बताया कि भाई की हत्या और कई मामलों में आरोपित बन जाने के बाद ओमचंद्र गुप्त उर्फ पवन गुप्त ने बाला लखंदर यादव से बदला लेने की सोची। इसके बाद उसने महाराष्ट्र में रहने वाले शोलापुर पंडरपुर निवासी जयदीप प्रकाश गायकवाड़ व मडिय़ाहूं थाना क्षेत्र के नद्दी रामपुर निवासी रितेश सिंह से संपर्क किया। सैदनपुर निवासी उमेश गौड़ को भी इसमें शामिल किया। इसके बाद रेकी शुरू कर दी गई। एक फरवरी को सही मौका पाकर सिटी स्टेशन पर बाला लखंदर यादव पर आठ राउंड गोली चलाई गई। इसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुख्ता जानकारी होने के बाद आरोपित पवन, रितेश, जयदीप व उमेश को गिरफ्तार कर लिया गया है।

यहां से शुरू हुई रंजिश

फरवरी 2016 में सैदनपुर गांव में प्रधानी के चुनाव को लेकर ओम प्रकाश यादव की हत्या हो गई थी। इसमें गांव निवासी पवन गुप्त को आरोपित बनाया गया था। हत्या के ठीक 24 दिन बाद 24 मार्च को पवन गुप्त के भाई प्रेमचंद गुप्त की हत्या कर दी गई। इसके बाद पवन गुप्त को एक अन्य केस में हत्या के प्रयास का भी आरोपित बनाया गया। वर्ष 2019 में पवन गुप्त पर गैंगस्टर लगा दिया गया। पवन को शक था कि इसमें बाला लखंदर यादव का ही हाथ है। उन्हीं के इशारे पर उसके साथ ज्यादती हो रही है। 


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