वाराणसी के गंगा किनारे 44 ग्राम पंचायतों में भी हरियाली गायब, 56 गांवों का किया गया था चयन
गंगा को स्वच्छ रखने उसके किनारे एक किलोमीटर चौड़े में हरियाली करने के लिए वन विभाग ने बनारस में गंगा किनारे पडऩे वाले 44 ग्राम पंचायतों और 56 गांवों का चयन किया गया था। अभियान शुरू होने के कुछ ही दिन बाद फाइलों में चलाकर इतिश्री कर दिया गया।
वाराणसी, जेएनएन। गंगा को स्वच्छ रखने, उसके किनारे एक किलोमीटर चौड़े में हरियाली करने के लिए वन विभाग ने बनारस में गंगा किनारे पडऩे वाले 44 ग्राम पंचायतों और 56 गांवों का चयन किया गया था। गंगा हरितिमा अभियान के तहत चयनित गांवों में ग्राम प्रधानों, समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से शासन ने पौधारोपण करने को कहा था। वन विभाग ने पहले खुद लोगों को पौधे खरीद कर लगाने को कहा, जब उन्होंने रुचि नहीं दिखाई तो फ्री में पौधे किसानों को उपलब्ध कराए लेकिन कितने पौधे लगे, कितने बचे और उनकी देखरेख हुई या नहीं यह विभागीय अधिकारियों तक को पता नहीं है। स्थिति यह है कि कई अफसरों यह तक मालूम नहीं है कि गंगा किनारे पौधरोपण के लिए अभियान भी चला था या नहीं, चला तो कितने पौधे लगे और किस हाल में हैं।
गंगा हरितिमा अभियान के तहत जलग्रहण क्षेत्र एवं गंगा नदी के दोनों तरफ एक किलोमीटर चौड़े में स्थित वन, सामुदायिक, सार्वजनिक एवं कृषि भूमि पर पौधरोपण होने थे। वन विभाग समेत संबंधित विभाग और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से जनजागरूकता अभियान चलाया। साथ में लघु फिल्म, गंगा आरती, गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक किए गए। स्कूलों और कालेजों में कार्यशाला, गोष्ठी तथा कक्षाओं में बच्चों को गंगा के महत्व और हरियाली बचाने का संकल्प दिलाया गया। शासन की सारी कवायद फाइलों तक सीमित रह गई। अभियान शुरू होने के कुछ ही दिन बाद फाइलों में चलाकर इतिश्री कर दिया गया।