राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने वाराणसी में श्रीराम मंदिर की आकृति उकेरी हुई बनारसी साड़ी किया लांच
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को वाराणसी के सर्किट में आयोजित एमएसएमई की बैठक में श्री राम मंदिर की आकृति उकेरी हुई बनारसी साड़ी को लांच किया। लघु उद्योग भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने संघटन के उद्यमियों की ओर से राज्यपाल को साड़ी भेंट।
वाराणसी, जेएनएन। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को सर्किट में आयोजित एमएसएमई की बैठक में श्री राम मंदिर की आकृति उकेरी हुई बनारसी साड़ी लांच किया। लघु उद्योग भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने संघटन के उद्यमियों की ओर से राज्यपाल को साड़ी भेंट। साथ ही संघटन का प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत एवं सम्मान किया।
लघु उद्योग भारती काशी प्रांत के उद्यमी सर्वेश श्रीवास्तव की इकाई में काशी की प्राचीन उचंत बिनकारी कला के एकमात्र बुनकर गोपाल पटेल द्वारा हटकरघा पर लगभग तीन माह में दो साड़ी तैयार की है। बनारसी साड़ी एक काटन और रेशम और दूसरा पूर्णतया रेशम से बनी है। इसमें गोल्डन, सिल्वर व कापर जरी का प्रयोग किया गया है। इसके आंचल पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की आकृति को उकेरा गया है। इसकी डिजाइन और अन्य कार्य सर्वेश कुमार श्रीवास्तव एवं परिकल्पना अदीबा रफत ने किया था। राज्यपाल ने कहा कि साड़ी पर राम मंदिर की आकृति उकेरने के विचार भी प्रशंसनीय है। उनके द्वारा उद्यमियों से सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने को लेकर अपील की, जिसपर लघु उद्योग भारती संघटन के करखियांव डिवीजन के उद्यमियों ने 10 आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेकर पूरा सहयोग देने का वादा किया।
कार्यक्रम में एमएसएमइ राज्यमंत्री चौधरी उदयभान, शिप्रा शुक्ला, संघटन के दीपक बहल, ज्योति शंकर मिश्रा, सर्वेश श्रीवास्तव, मनोज मधेशिया, आनंद जायसवाल, शुभम अग्रवाल, भारत साह, प्रदीप आदि मौजूद थे। बुनकरों ने कहना है कि बनारसी साड़ी की जब भी बात होती है तो लोग पावरलूम की बनी बनारसी साड़ी को हैंडलूम की बनी बता कर बेचा करते है, जो गलत है। आज जब भी कोई संघटन बुनकर की बात करता है तो केवल पावरलूम को किस तरह से छूट मिल जाय इसी पर बात करता है, जबकि असली बनारसी साड़ी संत कबीर दास जी के काल से आज तक हटकरघा पर ही बनाई जाती है। पावरलूम पर तो सूरत, महाबलीपुरम, चीन सहित कहीं पर भी बनारसी साड़ी बनाई जाय तो वह असली बनारसी साड़ी नहीं होगी।