E-Gopala एप से मिलेगी गर्भाधान, पशुपालकों को टीकाकरण समेत मिलेगी सभी जानकारी
शुओं में टीकाकरण गर्भाधान समेत पशुपालन से जुड़ी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए पशुपालकों को अब पशु चिकित्सा केंद्रों के चक्कर नहीं काटने होंगे। पशुपालन विभाग ने इसके लिए ई-गोपाला एप्लिकेशन लांच किया है। इसके जरिए पशुपालक घर बैठे मोबाइल पर समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
चंदौली, जेएनएन। पशुओं में टीकाकरण, गर्भाधान समेत पशुपालन से जुड़ी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए पशुपालकों को अब पशु चिकित्सा केंद्रों के चक्कर नहीं काटने होंगे। पशुपालन विभाग ने इसके लिए ई-गोपाला एप्लिकेशन लांच किया है। इसके जरिए पशुपालक घर बैठे मोबाइल पर समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं पशुपालन को लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी योजनाओं की जानकारी आसानी से मिलेगी।
पशुपालन विभाग की ओर से तमाम योजनाएं संचालित की जाती हैं। लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में अधिकांश पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती है। जिले के लगभग एक लाख पशुपालकों को जानकारी के लिए विभागीय कार्यालय अथवा क्षेत्रीय पशु चिकित्साधिकारी के यहां जाना पड़ता है। अधिकारी अथवा चिकित्सक मिल गए तो ठीक वरना उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ता है। इससे तमाम तरह की दिक्कतें होती हैं। पशुपालन विभाग ने पशुपालकों की मुश्किल आसान कर दी है। ई-गोपाला एप पर पशुपालन से संबंधित समस्त जानकारी मुहैया होगी। वहीं विभाग में नौकरी करने का सपना संजोए व पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी सहूलियत होगी।
कैसे अपलोड करेंगे एप्लिकेशन
मोबाइल के प्ले स्टोर में जाकर पशुपालक ई-गोपाला एप अपलोड कर सकते हैं। विभाग की ओर से पशुओं में टीकाकरण, संबंधित बीमारियों में इलाज, दवा के साथ ही समय-समय पर इस पर सूचनाएं अपलोड की जाती हैं। इसके अलावा विभाग की ओर से शुरू की गई नई योजनाओं की भी जानकारी मिलती है। नई पहल से पशुपालकों के लिए सहूलियत बढ़ गई है।
जिले में पशुओं की संख्या
पशु संख्या
गाय 3,38,393
भैस 3,23,11
भेड़ 17,087
बकरी 89,091
सूकर 3,907
कुल 7,71595
पशुपालकों की सुविधा के लिए ई-गोपाला एप लांच किया गया है
विभाग की ओर से पशुपालकों की सुविधा के लिए ई-गोपाला एप लांच किया गया है। इस पर विभागीय योजनाओं से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध हैं। पशुपालक प्ले स्टोर के जरिए मोबाइल में इसे अपलोड कर सकते हैं। उन्हें घर बैठे टीकाकरण, गर्भाधान आदि की सूचना मिलेगी।
- डाक्टर एसपी पांडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी