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Good News बीएचयू में डेढ़ गुना अधिक सैंपलों की हो सकेगी जांच, काम पर लौटी माइक्रोबायोलॉजी लैब की टीम

आइएमएस-बीएचयू स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग की 24 सदस्यीय टीम के काम पर वापस लौटने से बीएचयू में सैंपलों के जांच की क्षमता डेढ़ गुना तक बढ़ गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 03:50 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 03:50 PM (IST)
Good News बीएचयू में डेढ़ गुना अधिक सैंपलों की हो सकेगी जांच, काम पर लौटी माइक्रोबायोलॉजी लैब की टीम
Good News बीएचयू में डेढ़ गुना अधिक सैंपलों की हो सकेगी जांच, काम पर लौटी माइक्रोबायोलॉजी लैब की टीम

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच होम क्वारंटाइन के बाद आइएमएस-बीएचयू स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग की 24 सदस्यीय टीम के काम पर वापस लौटने से स्वास्थ्य महकमे ने राहत की सांस ली है। वहीं, 19 मई से मॉलीक्यूलर बायोलॉजी यूनिट के लैब में भी सैंपलों की जांच शुरू होने से बीएचयू में सैंपलों के जांच की क्षमता डेढ़ गुना तक बढ़ गई है।

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एक मई से पहले बीएचयू स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग के लैब में 13 जिलों के 350 सैंपलों की जांच की जाती थी। प्रो. गोपालनाथ सहित उनकी टीम के होम क्वारंटाइन पर चले जाने के बाद माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शंपा अनुपूर्वा ने कमान संभाली थी। लैब कॢमयों की कमी के बावजूद उनकी टीम पांच जिलों के करीब 200 सैंपलों की रोजाना जांच कर रही थी। सप्ताह भर पूर्व टीम के लौटने एवं मॉलीक्यूलर बायोलॉजी यूनिट का लैब शुरू होने से अब बीएचयू में सैंपल जांच की क्षमता पहले के मुकाबले डेढ़ गुना तक अधिक हो गई है। पहले जहां एक दिन में अधिकतम 350 सैंपल जांचे जा सकते थे, वहीं अब 550 सैंपलों की जांच एक दिन में हो सकती है।

रियल टाइम पीसीआर पर है निर्भरता

माइक्रोबायोलाजी विभाग के लैब में फिलहाल पांच रियल टाइम पीसीआर मशीन, एक एबॉट, एक सीबी-नॉट व एक जीन एक्सपर्ट मशीन उपलब्ध है। वर्तमान में पांच रियल टाइम पीसीआर मशीनों से ही जांच की जा रही है। मॉलीक्यूलर बायोलॉजी यूनिट की लैब में भी दो रियल टाइम पीसीआर मशीनें जांच के लिए लगाई गई हैं। वहीं, माइक्रोबायोलॉजी लैब में जीन एक्सपर्ट मशीन से जांच केवल विशेष परिस्थितियों में ही की जा रही है। जबकि एचआइवी जांच में प्रयुक्त एबॉट मशीन व एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) टीबी की जांच में इस्तेमाल होने वाली सीबी-नॉट मशीनें उपलब्ध तो हैं, लेकिन किट न मिलने से इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है।

क्षमता बढ़ाने को भेजा है प्रस्ताव

डिपार्टमेंट ऑफ बायो-टेक्नोलॉजी (डीबीटी) की ओर से विवि को हाल में पत्र मिला था, जिसमें कोरोना जांच की क्षमता बढ़ाने के लिए उपकरण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव मांगा गया था। विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी के मुताबिक रियल टाइम पीसीआर सहित सभी तरह की टेस्टिंग डीबीटी के ही डोमेन में आती हैं।  कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के निर्देश पर प्रो. रमादेवी निमापल्ली ने राजीव गांधी दक्षिणी परिसर-बरकछा सहित बीएचयू की कुछ लैब के लिए प्रस्ताव तैयार कर डीबीटी को भेज दिया है। हालांकि नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने इस संदर्भ में कुछ भी बताने से मना कर दिया।


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