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बनारस से बैंकाक तक सोना तस्करों का फैला है जाल, शरीर की स्कैनिंग भी इस पर नहीं लगा पा रहा अंकुश

नौ माह 3.70 करोड़ का सोना बरामदगी फिर भी तस्करी बदस्तूर जारी। इसे सोने के काले कारोबार का तिलिस्म नहीं तो और क्या कहेंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 12:43 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 05:28 PM (IST)
बनारस से बैंकाक तक सोना तस्करों का फैला है जाल, शरीर की स्कैनिंग भी इस पर नहीं लगा पा रहा अंकुश
बनारस से बैंकाक तक सोना तस्करों का फैला है जाल, शरीर की स्कैनिंग भी इस पर नहीं लगा पा रहा अंकुश

वाराणसी [प्रवीण यादव]। नौ माह, 3.70 करोड़ का सोना बरामदगी फिर भी तस्करी बदस्तूर जारी। इसे सोने के काले कारोबार का तिलिस्म नहीं तो और क्या कहेंगे। हाई सिक्योरिटी, जांच के लिए बॉडी स्कैनर और कस्टम की पैनी निगाहों के बावजूद तस्करी जारी है। पूरी तस्वीर में दो ही बातें सामने उभर रही है, पहली 20 लाख का सोना बरामदगी पर सलाखों का दरवाजा न खुलना और दूसरी मोटी कमाई। मसलन, करतूत तीसरी बार उजागर होने पर सिर्फ पासपोर्ट से हाथ धोना पड़ेगा जिसके लिए तस्कर तैयार रहते हैं। पेश है वाराणसी से प्रवीण यश की रिपोर्ट...।

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त्योहारी सीजन में बढ़ जाती सक्रियता 

त्योहारी एवं सहालग के दिनों में  सोने की तस्करी ज्यादा बढ़ जाती है। बैंकाक, शारजाह से आने वाले विमानों में भीड़भाड़ का लाभ उठाकर तस्कर निकलने की कोशिश में कई बार पकड़े भी जाते हैं। कस्टम टीम बैंकाक और शारजाह से आने वाले यात्रियों पर विशेष निगाह रखती है। होली पर्व पर लगातार तीन दिन तस्कर पकड़े गए थे जबकि अक्टूबर माह में दीपावली से पहले चार दिन लगातार सोने की बरामदगी हुई थी। 

तस्करी को अपनाते अलग-अलग तरीके  

सोने के तस्कर बचाव के लिए कई तरीके अपनाते हैं। पुरुषों के अलावा महिलाएं भी शरीर के अंदर छिपाकर लाने में गुरेज नहीं करती। प्राण संकट में पडऩे की आशंका के बावजूद बिस्किट, पेस्ट के जरिए छिपाकर लाते हैं। जोखिम इस हद तक कि कस्टम टीम को चिकित्सक के जरिए शरीर से निकलवाना पड़ता है। 

20 लाख से कम की बरामदगी पर गिरफ्तारी नहीं 

कस्टम अधिकारियों के मुताबिक 20 से ज्यादा का सोना बरामद होने पर ही कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। यही वजह है कि इससे कम मूल्य का सोना ही तस्कर लाते हैं जिसे छापामार दल जब्त कर आरोपित को छोड़ देता है। तीन बार पकड़े जाने पर पासपोर्ट जब्ती की कार्रवाई की जाती है। 

मार्च से नवंबर तक सोने की बरामदगी पर एक नजर 

16 नवंबर : महाराष्ट्र के विकास कुमार और नरेंद्र जगजीवन राम से   के शरीर से 27.71 लाख का 636.73 ग्राम सोना बरामद।

24 अक्टूबर : प्रयागराज के रिजवान से 9.66 लाख का 254.430 ग्राम सोने का पेस्ट बरामद। 

23 अक्टूबर : दिल्ली के सद्दाम से 14.66 लाख मूल्य का 385.750 ग्राम सोना बरामद।

21 अक्टूबर : देवरिया के बलवंत यादव और गोरखपुर के मुन्नालाल यादव के पास से 20.54 लाख

का 554 ग्राम सोना बरामद।

16 अक्टूबर : देवरिया निवासी के पास से 11.83 लाख का 313 ग्राम सोना बरामद। 

09 जून : गोरखपुर के अरुण शाह और अनिल शाह से आठ लाख का 250 ग्राम सोना बरामद।

30 मई : गोरखपुर के मनोज शर्मा से 200 ग्राम सोना बरामद।

25 मई : कानपुर के विपिन गुप्ता से  48 लाख का 1497 ग्राम सोना बरामद।

02 मई : बिहार के सेवतापुर निवासी विनोद राजभर और देवरिया के  कुलदीप से 1.26 करोड़ का 3887 ग्राम सोना बरामद।

02 अप्रैल : दो यात्रियों से 18.02 लाख का 540.30 ग्राम सोना बरामद।

21 मार्च : दिल्ली की रहीसा बेगम से 7.86 लाख का 236.960 ग्राम सोना बरामद। 

20 मार्च : चार यात्रियों से 63 लाख का सोना बरामद हुआ था। 

16 मार्च : संजीव मिश्रा के पास से 18.56 लाख का 562.450 ग्राम सोना बरामद।


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