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Ghazipur Panchayat Chunav 2021 : एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित

गाजीपुर का भदौरा ब्लाक के सबसे चर्चित एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर की ग्राम प्रधान की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने की चर्चा चट्टी चौराहों पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। सेवराई की सीट भी इसी श्रेणी के लिए आरक्षित होने पर चर्चा रही।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 03:58 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 03:58 PM (IST)
Ghazipur Panchayat Chunav 2021 : एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित

गाजीपुर, जेएनएन। भदौरा ब्लाक के सबसे चर्चित एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर की ग्राम प्रधान की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने की चर्चा चट्टी चौराहों पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। वहीं प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह के पैतृक गांव सेवराई की सीट भी इसी श्रेणी के लिए आरक्षित होने पर चर्चा रही। भदौरा ब्लाक के बड़े गांव में शुमार उसियां पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुआ है। एक मात्र बड़ा गांव बारा अनारक्षित होने के कारण चुनाव लडऩे वाले संभावित प्रत्याशियों में खुशी का माहौल रहा।

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पांचवीं बार सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुआ प्रमुख पद की कुर्सी

जमानियां ब्लाक प्रमुख की कुर्सी वर्ष 2005 से लेकर अब तक सामान्य रहा। इस बार भी यही सीट होने से संभावित दावेदारों की उम्मीदें जग गईं हैं। अगर इस सीट पर नजर डाला जाय तो वर्ष 2000 से 2001 तक सामान्य महिला सीट पर मालती देवी प्रमुख रहीं। इनके निधन पर यह सीट खाली हुई तो 2001 से 2005 तक सुनैना कुशवाहा प्रमुख की कुर्सी पर काबिज रहीं। इसके बाद वर्ष 2005 में यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुई। इस पर वर्ष 2011 तक दयाशंकर यादव आसीन रहे। फिर वर्ष 2011 में यह सीट सामान्य हुआ। वर्ष 2016 तक बलवंत सिंह प्रमुख रहे। पुन: वर्ष 2016 में भी यह पद सामान्य रहा जिस पर सीमा यादव 2021 तक रहीं। सीमा यादव निर्विरोध निर्वाचित हुई थीं।

आरक्षण ने बिगाड़ा उम्मीदवारों का गणित

जिला पंचायत सदस्य का आरक्षण जारी हो गया है, लेकिन वार्डों के आरक्षण ने उम्मीदवारों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जमानियां विकास खंड के कुल 5 वार्ड के जारी आरक्षण में से 5 सीटों में प्रथम व द्वितीय अनुसूचित जाति व तृतीय पिछड़ा तो चतुर्थ अनुसूचित जाति के महिला के लिए आरक्षित है। पंचम सीट महिला वर्ग के लिए आरक्षित है। इसमें किसी भी जाति की महिला अपनी दावेदारी कर सकती है। हालांकि पिछले चुनाव पर नजर डाला जाए तो जमानियां प्रथम सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित था।

कई हाथों से फिसलती नजर आ रही ग्राम पंचायत की बागडोर

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सीटों का आरक्षण घोषित होने के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले संभावित प्रत्याशी बनने को लेकर तैयारी किए कुछ लोगों के चेहरों पर खुशी तो कुछ पर निराशा के भाव नजर आया। ब्लाक के कुल 89 ग्राम पंचायतों में एक अनुसूचित जनजाति महिला, दो अनुसूचित जनजाति, छह अनुसूचित जाति महिला, 11 अनुसूचित जाति, नौ पिछड़ा वर्ग महिला, 16 पिछड़ा वर्ग तथा 14 महिलाओं के लिए आरक्षित और 30 अनारक्षित है। ब्लाक का चर्चित ग्राम पंचायत हाटा अनुसूचित जनजाति महिला के लिए तो कुंडेसर, तमलपुरा, अदिलाबाद, बरेजी, सलेमपुर, डोमनपुरा, शहबाजकुली अनुसूचित जाति, टड़वा, चकफरीद, बैरान पिछड़ी महिला, राजापुर, परसा, चकपहाड़, बगेंद, बलुआ टप्पा कठउत, फिरोजपुर, करमचंदपुर पिछड़ा वर्ग, चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा, हुस्सेपुर, जकरौली महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। आरक्षण सूची जारी होने के बाद अब कई लोगों के हाथ से ग्राम पंचायत की बागडोर फिसलती नजर आ रही है।


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