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घाटों को खतरा नहीं लेकिन कछुआ सेंचुरी अप्रासंगिक : गडकरी

वाराणसी : केंद्रीय सड़क परिवहन व राज्यमार्ग, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प मंत्री ने कहा कि बनारस में क

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 10:20 AM (IST)
घाटों को खतरा नहीं लेकिन कछुआ सेंचुरी अप्रासंगिक : गडकरी
घाटों को खतरा नहीं लेकिन कछुआ सेंचुरी अप्रासंगिक : गडकरी

वाराणसी : केंद्रीय सड़क परिवहन व राज्यमार्ग, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प मंत्री ने कहा कि बनारस में कछुआ सेंचुरी से घाटों को खतरा नहीं है। घाट किनारे के इमारतों को भी कोई नुकसान नहीं होने वाला है। हां, यह जरूर है कि शहर के विकास के मद्देनजर देखा जाए तो कछुआ सेंचुरी अप्रासंगिक है जिसको डाउन स्ट्रीम में स्थानान्तरित करने के लिए सिफारिशें आई है। सरकार उन सिफारिशों पर मंथन कर रही है।

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गडकरी ने अपने कैबिनेट सहयोगी उमा भारती के साथ जल संसाधन मंत्रालय और गंगा कायाकल्प मंत्रालय के साथ गुरुवार को वाराणसी, दिल्ली, लखनऊ, कानपुर और पटना समेत पांच केंद्रों के लिए वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से एक प्रेसवार्ता आयोजित की थी। उन्होंने कहा कि कछुआ सेंचुरी को स्थानान्तरित करने के लिए अध्ययन हो रहा है। डाउन स्ट्रीम में उचित स्थान पर स्थानान्तरित किया जाएगा। जिला प्रशासन, वन और पर्यावरण समेत अन्य मंत्रालयों की ओर से तकनीकी विशेषज्ञों की रिपोर्ट तैयार की गई है। कहा कि इन विभिन्न अध्ययनों ने अलग-अलग परिणाम दिए हैं। इस कछुआ सेंचुरी के पास घाटों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। गडकरी ने कहा कि यह भी नहीं लगता कि घाटों पर इमारतों से इससे कोई खतरा है। दावा किया कि कछुआ सेंचुरी से गंगा की धारा में बदलाव नहीं हुआ है। गडकरी ने कहा कि वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग परियोजना के तहत नदी की खुदाई जल्द ही शुरू हो जाएगी।

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अविरल गंगा के लिए अध्ययन शुरू

अविरल प्रवाह के गडकरी ने कहा कि गंगा निर्मल बनाना (प्रदूषण मुक्त) सरकार की पहली प्राथमिकता है। मई के महीने में भी नदी में पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अवीरल (निर्बाध) प्रवाह जरूरी है। इसके लिए वैज्ञानिक और तकनीकी अध्ययन प्रगति पर है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय नदी कानून को आकार देने के लिए अधिकतम कार्य पूरा हो चुका है

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