आक्सीजन के मामले में आत्म निर्भर हो गया दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, वाराणसी में दस दिन में शुरू हो गई गैस आपूर्ति
पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल शुक्रवार को आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया। रात लगभग 9.15 बजे आक्सीजन प्लांट का विधिवत शुभारंभ किया गया और इसके साथ 600 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) के हिसाब से उत्पादन शुरू हो गया।
वाराणसी, जेएनएन। पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल शुक्रवार को आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया। रात लगभग 9.15 बजे आक्सीजन प्लांट का विधिवत शुभारंभ किया गया और इसके साथ 600 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) के हिसाब से उत्पादन शुरू हो गया। इससे अस्पताल में 120 बेड पर भर्ती कोरोना संक्रमितों के इलाज में बड़ी सहूलियत होगी। प्लांट के लिए नगर के प्रमुख उद्यमी व इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी की ओर से जिला प्रशासन को प्रस्ताव दिया गया था। इसके लिए उन्होंने एक करोड़ रुपये 20 अप्रैल को औरंगाबाद की कंपनी को भुगतान किया और 23 अप्रैल को मशीनें कंपनी से बनारस के लिए रवाना हो गईं। इसमें किसी तरह का विलंब रोकने के लिए जिला प्रशासन ने प्रांतवार पास जारी कराए और समय से मशीनें बनारस आ गईं।
हैदराबाद से आए मैकेनिकल इंजीनियर प्रदीप सिंह व इलेक्ट्रिकल इंजीनियर आनंद त्रिपाठी की देखरेख में गुरुवार सुबह सात बजे से इसे इंस्टाल करने का कार्य शुरू किया गया और छह दिन का काम आठ घंटे में यानी शाम चार बजे तक पूरी कर लिया गया। इंजीनियर प्रदीप सिंह ने बताया कि फ्लशिंग में 24 घंटे का समय लगा और कापर पाइप लगा कर शाम सात से नौ बजे तक टेस्टिंग की गई। अब निर्बाध 600 एलपीएम उत्पादन जारी रहेगा। इससे 24 घंटे में 125 जंबो सिलेंडर भरे या उतने के बराबर गैस उपयोग की जा सकती है। संचालन के लिए अस्पताल के तीन कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दे दिया गया है।
शर्त के अनुसार फिलहाल मेटनेंस का कार्य कंपनी देखेगी। शुभारंभ के समय मौजूद एमएलसी एके शर्मा, जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा, प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी को अभियंताओं ने पूरी प्रक्रिया से भी अवगत कराया। जिलाधिकारी ने बताया कि जल्द ही अन्य अस्पतालों में भी आक्सीजन प्लांट लगाने में सफलता हासिल कर ली जाएगी। अस्पतालों के आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होते ही जरूरत अनुसार अधिक से अधिक बेड बढ़ाए जा सकेंगे।
दरेखू में मंगलवार से भरे जाने लगेंगे 500 बड़े सिलेंडर
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि दरेखू में आक्सीजन प्लांट मंगलवार से काम करने लगेगा। इसमें रोजोना 500 बड़े सिलेंडर भरे जा सकेंगे। इससे आक्सीजन की कमी नहीं रहेगी। दरेखू स्थित प्लांट लंबे समय से बंद था। संबंधित कंपनी के अधिष्ठाता ने जब संचालन से हाथ खड़े कर दिए तो प्रशासन ने इसका अधिग्रहण कर संचालन के लिए आवेदन आमंत्रित कर लिए। चयन प्रक्रिया पूरी कर इसकी जिम्मेदारी अन्नपूर्णा गैसेज को दी गई।
मंडलीय अस्पताल में मशीन आने में लगेगा तीन सप्ताह
मंडलीय अस्पताल में आक्सीजन प्लांट के लिए इंडियन आयल फाउंडेशन के सीएसआर फंड से कोयंबटूर की कंपनी को आर्डर दे दिया गया है। डीआरडीओ की टेक्नोलाजी पर आधारित मशीनें आर्डर की अधिकता के कारण अभी एक सप्ताह में डिस्पैच हो पाएंगी। उन्हें आने में कम से कम दो सप्ताह लगेंगे। एेसे में मंडलीय अस्पताल में प्लांट तीन सप्ताह बाद ही मिल पाएगा। हालांकि दरेखू से वहां की आपूर्ति सुचारू हो जाएगी।
आयुर्वेद मेडिकल कालेज व ईएसआइ अस्पताल के लिए भी डील फाइनल
तीन प्लांटों के अलावा दो अन्य प्लांटों के लिए भी जिला प्रशासन ने व्यवस्था कर ली है। इसके लिए उद्यमी व पैसा तैयार है और हैदराबाद की कंपनी से बात भी हो चुकी है। सिर्फ मशीन आपूर्ति के समय को लेकर पेच फंसा है। दरअसल यूएस टेक्नोलाजी की मशीन आपूर्ति के लिए कंपनी दो माह का समय मांग रही है। डीएम कौशलराज शर्मा के अनुसार डिलिवरी टाइम फाइनल होते ही पैसा आरटीजीएस कर दिया जाएगा। प्रयास है कम से कम समय में मशीन मिल जाए और दोनों अस्पतालों में प्लांट काम करने लगे।
आक्सीजन प्लांट के लिए मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
बड़ागांव विकास खंड के सर्विपुर स्थित एक बलिका शिक्षण संस्थान के प्रबंधक आशीष पाठक ने क्षेत्र में एक ऑक्सीजन प्लांट खोलने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्रक भेजा है। आशीष पाठक के अनुसार उनकी संस्था आक्सीजन प्लांट के लिए जमीन व उसके निर्माण के लिए आर्थिक मदद को भी तैयार है। इस संबंध में जिला प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है।