वाराणसी में सारनाथ से आदमपुर शिफ्ट होगा कूड़ा गाड़ी यार्ड, क्षेत्र में फैल रही थी गंदगी
अब सारनाथ में बने कचरा वाहन यार्ड को आदमपुर में शिफ्ट किया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। यह कार्य अक्टूबर माह में पूरा कर लिया जाएगा। अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा ने बताया कि स्थान चिन्हित कर लिया गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नगर निगम ने घर-घर कूड़ा उठान करने वाली कंपनी एजी एनवायरो को जिम्मेदारी दी है। कंपनी को संसाधन भी मुहैया कराया है जिसे रखने के लिए सारनाथ में यार्ड बनाया गया था। इस स्थान को कंपनी ने कचरा डंपिंग क्षेत्र बना दिया। वहां पर कचरे का पृथकीकरण किया जाने लगा। इससे इलाके में गंदगी फैल गई। दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो गया। इसका विरोध हुआ तो कंपनी ने कार्यशैली जरूर बदली लेकिन बात नहीं बनी। गंदगी का आलम जस का तस बना हुआ है। इसे देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब सारनाथ में बने कचरा वाहन यार्ड को आदमपुर में शिफ्ट किया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। यह कार्य अक्टूबर माह में पूरा कर लिया जाएगा। अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा ने बताया कि स्थान चिन्हित कर लिया गया है। आदमपुर में आइडीएच कालोनी के पास खाली जमीन पर यार्ड बनाया जाएगा। इस बाबत कंपनी के अफसरों को भी सूचित कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों ने घेरा था मंत्री को
कचरे से उठ रहे दुर्गंध से आजिज लोगों ने बीते दिनों मंत्री रवींद्र जायसवाल के काफिले को रोक लिया था। हालात को दिखाते हुए यार्ड स्थानान्तरण की मांग की थी। मंत्री ने भरोसा दिया था कि जल्द की इलाके की इस समस्या का निस्तारण कर दिया जाएगा।
दैनिक जागरण से उठाई थी समस्या
सारनाथ में कचरे से हो रही समस्या को प्रमुखता से उठाया था। नगर आयुक्त प्रणय सिंह, अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह ने मौके पर मुआयना करते हुए कंपनी को गंदगी नहीं करने के लिए चेताया था। कुछ दिनों तक राहत रही लेकिन वर्तमान में हालात पूर्ववत जैसा ही हो गया है।
36 करोड़ से बदले जाएंगे जर्जर खंभे और तार
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में भी बांस-बल्लियों पर बिजली के तार अब नजर नहीं आएंगे। बांस-बल्लियों की जगह अब लोहे के पोल लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 36 करोड़ रुपये का बजट पास कर दिया है। इस धनराशि से लगभग 300 किलो मीटर में आठ हजार बिजली के खंभे लगाए जाएंगे। अधीक्षण अभियंता आरएस प्रसाद ने बताया कि डिस्काम कार्यालय से एक वर्ष पूर्व बांस-बल्लियों की जगह पोल लगाए जाने की कार्ययोजना बनाकर भेजी गई थी। सरकार ने अब पैसा जारी कर दिया है