श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का गंगा द्वार तैयार, बढ़े जल स्तर ने रोका सीढ़ी-जेटी का काम
माघ स्नान के लिए छोड़े गए पानी से लेवल सामान्य से सवा मीटर ऊपर आया और इस कारण काशी विश्वनाथ धाम का गंगा द्वार दूसरे चरण का कार्य पूरा करने की अवधि अब लगभग एक माह तक बढ़ी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का गंगा द्वार यानी गेटवे आफ कारिडोर का कार्य पूरा हो गया। चुनार के गुलाबी पत्थरों पर नक्काशी कर इसे पूरी भव्यता से आकार दिया गया है। एक बारगी यह रामनगर दुर्ग के पास आ जाने का आभास दे रहा है। धाम के नव्य भव्य परिसर का लोकार्पण के समय इसका ढांचे तैयार कर लिया गया था। लगभग एक माह में इसे पूर्णता दे दी गई। अब सीढ़ी- जेटी समेत समेत घाट पर अन्य कार्यों के लिए गंगा का जल स्तर सामान्य होने का इंतजार है।
कारण यह कि गंगा का जलस्तर बाढ़ के बाद उतरा जरूर लेकिन सामान्य से एक मीटर ऊपर बह रहा था। प्रयाग संगम पर माघ स्नान के लिए जब पानी छोड़ा गया तो यह सामान्य से लगभग सवा मीटर ऊपर आ गया। इससे 55 मीटर लंबी जेटी का 25 हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। ललिता से मणिकर्णिकाघाट तक 20 से 10 मीटर तक गंगा में चौड़ाई बाढ़ से पहले ही बढ़ा ली गई थी, लेकिन अभी इस पर पत्थर लगाया जाना है। सीढिय़ां बनाने के लिए भी प्लेटफार्म तैयार है, सिर्फ पानी उतरने का इंतजार है। माना जा रहा है इसमें अभी एक माह का समय लग जाएगा। इससे दूसरे चरण कार्य पूरा होने में इतनी ही अवधि बढ़ जाएगी। पहले इसे फरवरी अंत तक पूरा कर लेना था, अब मार्च तक हो पाएगा।
हालांकि दूसरे चरण के शेष कार्य तेजी से किए जा रहे हैैं और इनका ढांचा तैयार कर लिया गया है। रैैंप भवन को 45 मीटर लंबाई और आठ मीटर चौड़ाई में आकार दिया जाना है। इसमें लगभग आधा कार्य हो गया है। इसके बनते ही गंगा दर्शन गैलरी भी आधार पा जाएगी। कैफेटेरिया और ब्लाक फोर की फिनिशिंग की जा रही है। गर्भगृह तक गंगा का पानी पहुंचाने के लिए पाइप का कनेक्शन भी कर दिया गया है। जल स्तर सामान्य होते ही पंप भी लगा दिया जाएगा। अंडर ग्राउंड सीवेज पंपिंग स्टेशन में भी डेढ़ से दो माह का समय लग जाएगा। कार्यदायी एजेंसी लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय गोरे के अनुसार समस्त कार्य मार्च तक पूरे कर लिए जाएंगे। जल स्तर न बढ़ा होता तो एक माह पहले इसे पूरा कर लिया गया होता।