पूर्ण वैक्सिनेटेड लोग संक्रमित होने पर भी सुरक्षित, बीएचयू के सीटी स्कैन विश्लेषण में साबित हुई टीकाकारण की महत्ता
बीएचयू के चिकित्सकों की टीम ने अध्ययन में पाया कि जिन रोगियों को टीकाकरण की पूरी दो खुराकें मिली उनमें आंशिक रूप से टीका लगाए गए रोगियों और गैर-टीकाकरण वाले रोगियों की तुलना में औसत सीटी स्कैन स्कोर काफी कम था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : प्रोटोकाल के अनुसार पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड लोग कोरोना से संक्रमित होने पर भी पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। यह बात सिर्फ कहने की नहीं रही, अध्ययन में भी सिद्ध हो चुकी है। इस दावे को बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित रेडियोडायग्नासिस विभाग (एक्स-रे विभाग) के विज्ञानियों ने संक्रमित मरीजों के सीटी स्कैन विश्लेषण के माध्यम से देश में अपनी तरह का सबसे पहला अध्ययन करते हुए दस्तावेजी साक्ष्य प्रदान किया है।
रेडियोडायग्नासिस विभाग (एक्स-रे विभाग) में चिकित्सक प्रो. आशीष वर्मा एवं डा. ईशान कुमार के नेतृत्व में प्रो. रामचंद्र शुक्ला, डा. प्रमोद कुमार सिंह और डा. रितु ओझा की टीम ने सार्स-कोव-2 से संक्रमित व्यक्तियों के उच्च रिजाेल्यूशन कंम्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन का विश्लेषण किया।
मरीजों को तीन समूहों में बांटकर किया गया अध्ययन
टीम ने लक्षणों को देखते हुए मरीजों को तीन समूहों में विभाजित किया। प्रथम वे जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ था, दूसरे समूह में वे जिन्हें आंशिक टीकाकरण प्राप्त हुआ था और तीसरे समूह में उन्हें रखा जिनका प्रोटोकाल के अनुसार संपूर्ण टीकाकरण हुआ था। विज्ञानियों की टीम ने मरीजों के अस्थायी सीटी गंभीरता स्कोर का विश्लेषण किया।
संपूर्ण टीकाकरण वालों के फेफड़े मिले सुरक्षित
चिकित्सकों की टीम ने अध्ययन में पाया कि जिन रोगियों को टीकाकरण की पूरी दो खुराकें मिली, उनमें आंशिक रूप से टीका लगाए गए रोगियों और गैर-टीकाकरण वाले रोगियों की तुलना में औसत सीटी स्कैन स्कोर काफी कम था। अर्थात जिन व्यक्तियों का संपूर्ण टीकाकरण हुआ उनके फेफड़ों में रोग का लक्षण न के बराबर दिखाई दिया। कम उम्र (60 वर्ष से कम) के पूरी तरह से टीकाकरण वाले रोगियों में औसत सीटी स्कोर काफी कम था, जबकि 60 वर्ष से अधिक के रोगियों ने टीकाकरण और गैर-टीकाकरण समूहों के बीच महत्वपूर्ण रूप से भिन्न सीटी स्कोर नहीं दिखाया। चिकित्सकों के इस समूह ने अपने अध्ययन को एक मूल शोध पत्र में संकलित किया जो "यूरोपीय रेडियोलाजी" नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
यद्यपि यह एक नमूने के आकार के साथ एक प्रारंभिक अवलोकन संकलन है
यद्यपि यह एक नमूने के आकार के साथ एक प्रारंभिक अवलोकन संकलन है, जो केवल लेवल थ्री के कोविड-केयर सेंटर में रिपोर्ट करने वाले रोगियों पर आधारित है, यह भारत में वैक्सीन की प्रभावकारिता और टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
-प्रो. आशीष वर्मा, सर सुंदरलाल चिकित्सालय, बीएचयू।