वाराणसी में छह दिवसीय संकटमोचन मंदिर संगीत समारोह शुरू, कलाकारों की हो रही Online प्रस्तुति
लॉकडाउन के बीच वाराणसी में संकट मोचन मंदिर के संगीत समारोह में आज से देश-विदेश से ख्यात कलाकार घर बैठे आॅनलाइन हाजिरी शुरू कर दिए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। राम काज करने को आतुर रहने वाले भक्त शिरोमणि हनुमान के जन्मोत्सव के तहत संकट मोचन मंदिर में हर वर्ष आयोजित होने वाले संगीत समारोह की राह में लॉकडाउन भी रोड़ा न बन पाएगा। प्रभु दरबार, कलाकार व भक्त परिवार कोरोनावायरस से दो हाथ करने के लिहाज से जारी दिशा निर्देशों को तो सिर माथे लगाएगा लेकिन उत्सव भी नए अंदाज में मनाएगा। ऐसे में इस बार रविवार से शुरू हुए छह दिवसीय संकट मोचन संगीत समारोह डिजिटल स्वरूप में संगीत रसिक श्रद्धालुओं के सामने होगा।
प्रथम निशा की शुरूआत दिल्ली से पंडित राम मोहन महाराज व कृष्ण मोहन महाराज ने कथक से
मंदिर प्रबंधन ने 97वें साल के आयोजन की डोर से देश भर के कलाकारों व संगीत रसिक श्रद्धालुओं को कुछ इसी अंदाज में आभासी दुुनिया से बांधा। कलाकारों ने घर से ही प्रस्तुतियां दीं और फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम व यू ट्यूब के जरिए हनुमत प्रभु के चरणों में समर्पित कर दिया। इससे बनारस ही नहीं देश-विदेश के समस्त हनुमत भक्तों को भावों से भर दिया।
खास यह कि संकट मोचन मंदिर में मंच तो सजा लेकिन श्रोता-दर्शक के रूप में हनुमत प्रभु और महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र लेकिन सोशल मीडिया ने परिसर को ऐसे तमाम घरों तक विस्तार दिया जिसने लिंक के जरिए खुद को आयोजन से जोड़ लिया। छह दिनी आयोजन की प्रथम निशा का आरंभ पं. कृष्ण मोहन व पं. राममोहन महाराज ने कथक से किया। नई दिल्ली स्थित अपने आवास से कलाकारद्वय ने संगतकारों के साथ प्रस्तुतियां दीं और मुग्ध कर दिया। पं. कृष्ण मोहन ने मंच संभाला और गत निकास के साथ ही 'बिहारी को अपने वश करै को... से भाव गंगा को प्रवाहमान किया। पं. कृष्ण मोहन व राममोहन ने एक साथ विभिन्न परन और परंपरागत कथक पेश किया। बनारस से पं. देवाशीष डे ने शास्त्रीय गायन से हाजिरी लगाई तो पं. उल्लास कसालकर ने भी सुर लगाया। पं. समर साहा (कोलकाता) ने तबले पर और अनंत कृष्णन (चेन्नई) ने मृदंगम पर थाप दी। शाकिर खान ने पुणे से सितार की झंकार से हाजिरी लगाई।
समारोह के लिए मंच तो नहीं सजा लेकिन कलाकार ऑनलाइन होंगे। फेसबुक पर लाइव होंगे या ट्विटर, इंस्ट्राग्राम व यू ट्यूब चैनल के जरिए देश-विदेश में घर से ही प्रस्तुतियां देंगे। लिंक से जुड़कर संगीत रसिक श्रद्धालु भी घर बैठे ही पांच दिनों तक नित्य शाम 7.30 बजे से रात्रि पर्यंत नृत्य, गायन व वादन की त्रिवेणी में गोता लगा सकेंगे।
लॉकडाउन पालन का संदेश
समारोह के दौरान कलाकारों ने लॉकडाउन के दिशा -निर्देशों का पालन करने का आह्वïान किया। पं. राममोहन ने कहा कि- हम घर में ही बैठेंगे और हनुमत् साधना भी करेंगे। प्रभु जी संकटों से मुक्ति दिलाएंगे और स्वस्थ्य करेंगे। महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने कहा संकट मोचन संगीत समारोह विशेष परिस्थितियों में शुरू हो रहा है। हनुमान जी संगीत विद्या के परम पंडित हैं। हम सभी आज संगीत अकेले सुन रहे फिर भी हनुमान जी के अनुष्ठान में हम एक साथ हैैं। प्रयोगधर्मी समारोह ने संकट के दौर में डिजिटल स्वरूप अपनाया।
इंटरनेट ने कराया वेट
इंटरनेट की बाधाओं के कारण समारोह बीच-बीच में बाधित भी हुआ। इससे श्रद्धालु मन बेहद व्याकुल नजर आया। इस दौरान लोगों ने एक दूसरे को फोन मिलाकर व्यथा को भी साझा किया।
ऐसे हो रहा कार्यक्रम
कलाकारों की प्रस्तुतियों की रिकार्डिंग आने लगी है। इन्हें तय समय पर आॅनलाइन किया जाएगा तो कुछ लाइव भी होंगेे। प्रस्तुतियों के वीडियो व लाइव कार्यक्रम मंदिर के परंपरागत मंच पर लगी एलईडी टीवी स्क्रीन पर प्रसारित होगा और सीधा प्रसारण भी होता रहेगा। इस दौरान मंदिर प्रांगण, शिखर व ध्वजा के भी दर्शन होते रहेंगे। कार्यक्रम की रिकार्डिंग व सीधा प्रसारण मंदिर के फेसबुक लिंक पर व यू-ट्यूब पर अपलोड किया जाएगा जिसे इच्छानुसार भी देखा जा सकेगा।
समारोह के लिए लिंक
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वर्चुअल गैलरी में सजेगी झांकी हनुमान की
संकट मोचन संगीत समारोह डिजिटल होगा तो इस दौरान सजने वाली गैलरी भी वर्चुअल होगी। इसमें हनुमत प्रभु के विभिन्न स्वरूपों की झांकी सजेगी। लॉकडाउन के कारण इस बार गैलरी को आनलाइन आर्ट एक्जीबिशन का रूप दिया गया है। इसमें घर बैठे ही कलाकार चित्रकला, मूर्तिकला व रेखांकन के जरिए कलांजलि समर्पित करेंगे। इसके लिए मूर्तिकार राजेश कुमार (9450242308) और चित्रकार मानती शर्मा (9838808402) व पंकज वर्मा (9889653776) को समन्वयक बनाया गया है। परिकल्पनाकार ख्यात न्यूरोलाजिस्ट प्रो. वीएन मिश्रा ने बताया कि आर्ट एक्जीबिशन में कोई भी आनलाइन प्रतिभाग कर सकेगा। चयनित कृतियां आनलाइन प्रदर्शित की जाएंगी। सर्वश्रेष्ठ कृतियों को डिजिटल प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।